Science, asked by nabilamaryam2269, 8 months ago

विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए किन्हीं तीन कदमों की व्याख्या कीजिए।

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Answered by niyati150
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Answer:

Explanation:

रेल एवं वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल ने केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों के बारे में बताते हुए कहा कि भारत को दुनिया के लिए विनिर्माण केंद्र बनाने, रोजगार पैदा करने और आर्थिक सुस्‍ती को दूर भगाने के उद्देश्‍य से मैन्‍यूफैक्‍चरिंग में शत प्रतिशत निवेश को मंजूरी प्रदान की गई है। इससे देश में बड़ी मात्रा में निवेश आएगा।  

मंत्रिमंडल ने सिंगल ब्रांड रिटेल क्षेत्र के लिए एफडीआई नियमों को उदार बनाने को मंजूरी दी है। इसके लिए 30 प्रतिशत घरेलू खरीद की परिभाषा का विस्तार किया गया है। अभी तक 30 प्रतिशत स्‍थानीय खरीद की शर्त थी जिसमें अब ढील दी गई है। पहले कोई भी विदेशी कंपनी तब तक ऑनलाइन स्टोर नहीं खोल सकती थी जब तक वो 30 प्रतिशत स्‍थानीय खरीद की शर्त पूरा करते हुए कोई ऑफलाइन स्टोर ना खोल ले। अब ऐसा नहीं है। अब कंपनी 30 प्रतिशत स्‍थानीय खरीद की शर्त पूरा करते हुए पहले ऑनलाइन स्टोर खोल सकती है। इससे उनका स्टोर खोलने का खर्च कम होगा। निर्यात को भी अब स्‍थानीय खरीद से जोड़ गया है।

पीयूष गोयल ने कहा कि अभी तक टीवी और अखबार में सरकारी मंजूरी के साथ 26 प्रतिशत विदेशी निवेश को मंजूरी मिली हुई है लेकिन अब सरकार ने डिजिटल मीडिया में भी सरकारी मंजूरी के साथ 26 प्रतिशत एफडीआई को अपनी मंजूरी दी है।  

गोयल ने बताया कि 2014 से लेकर 2018 तक पांच सालों में देश में कुल 286 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया है। वित्‍त वर्ष 2018-19 के प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक कुल 64.37 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

Answered by sk940178
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विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भारत सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं | (1) नई औद्योगिक नीति: (2) सब्सिडी खत्म करना : (3) मूल्य नियंत्रण को खारिज करना :                

Explanation:

(1) नई औद्योगिक नीति:- औद्योगिक नीति के तहत, देश और उसके आर्थिक विकास की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए, व्यक्तिगत और निजी क्षेत्रों की भूमिका स्पष्ट रूप से निश्चित रूप से होती है। नई औद्योगिक नीति के तहत, उद्योगों को लाइसेंस और अन्य नियंत्रणों से काफी हद तक मुक्त कर दिया गया है। आधुनिकीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए, नवीनतम तकनीक के उपयोग पर जोर दिया गया है।

(2) सब्सिडी खत्म करना :- नकद मुआवजा सहायता जो पहले निर्यात सब्सिडी के रूप में दी गई थी, को रोक दिया गया है। यदि कोई निर्यातक कुछ कच्चा माल आयात करना चाहता है जो 100 के लिए विदेश में उपलब्ध है, लेकिन वही सामग्री भारत में 120 के लिए उपलब्ध है और सरकारें चाहती हैं कि कच्चा माल स्वदेशी उद्योगों की सुरक्षा के लिए भारत से ही निर्यातक द्वारा खरीदा जाए। सरकार सब्सिडी के रूप में निर्यातक को 20 के अंतर का भुगतान करने के लिए तैयार है।

(3) मूल्य नियंत्रण को खारिज करना :-सरकार ने कई उत्पादों के मामले में मूल्य नियंत्रण को हटाने के लिए कदम उठाए हैं। (मूल्य नियंत्रण का मतलब है कि कंपनियां सरकार द्वारा निर्धारित कीमतों पर सामान बेचेंगी।) मूल्य नियंत्रण को हटाने के प्रयास ज्यादातर उर्वरकों, इस्पात और लोहे और पेट्रो उत्पादों के संबंध में थे। इन उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध भी हटा दिया गया है।                

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