विद्यालय में बढ़ती अनुशासनहीनता के संदर्भ में छात्राओं के मध्यम होने वाले संवाद लिखिए
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इस प्रकार बढ़ रही अनुशासनहीनता उनके जीवन को नष्ट कर सकती है। प्रथम शिक्षक - ठीक कहा आपने। विद्यार्थियों में अनुशासनहीनता उन्हें आलसी, कामचोर और कमज़ोर बना देती है। वे अनुशासन में न रहने के कारण उद्दंड हो जाते हैं।
अनुशासन इस विषय पर दो मित्रों के बीच संवाद
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लिखिए ।
दिपक : रोहित आज कितना मज़ा आया स्कूल में जब सर ने अनुशासन के बारे में बताया ।
रोहित : हाँ यार, दिपक सुनकर बहुत अच्छा लगा।
दिपक : जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है।
रोहित : अगर हम अपने जीवन में अनुशासन में रहते सभी काम करेंगे तभी हम जीवन में सफल हो सकते है।
दिपक : अनुशासन मनुष्य की सफलता का अधिकांश भाग उसकी अनुशासित गतिविधियों पर निर्भर करता है।
रोहित: हमें हर काम अनुशासन से करना चाहिए चाहे फिर अनुशासन पढ़ाई में हो, खेलने में हो ।
दिपक: हमें गलत कामों से बच कर रहना चाहिए।
रोहित : अगर हम हर एक काम अनुशासन से करेंगे तो जीवन में अपने लक्ष्य को पूरा कर सकेंगे।
दिपक : अनुशासन बहुत जरूरी है