विद्यालय में किसी समारोह का वर्णन करते हुए अपने पिता जी को पत्र लिखिए
vidyalaya me kisi samaroh ka varnan karte hue apne pita ji ko patr likhie (in hindi)
Answers
उन्नति निवास
सीधी गली, गाँव
दिनांक: 19 मई 2017
प्रिय पिताजी,
आपका पत्र मिला| यहाँ सब कुशल मंगल है | यह पत्र मैंने आपको एक समारोह के बारे में बताने के लिए लिखा है |
हमारे स्कूल में आज फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता रखी गयी थी | इसकी तैयारी काफी दिनों से चल रही थी | स्कूल काफी सजा धजा था | मुझे नहीं पता था की इतनी छोटी से प्रतियोगिता के लिए भी इतनी तैयारी होती है पर बाद में पता चला की शहर के डी.एम साहब आ रहे हैं इसलिए बड़े भव्य ढंग से सब किया जा रहा है | क्योंकि मैं अभी इस स्कूल में नयी हूँ तो मैंने भाग नहीं लिया और पहले सब जानने का निश्चय किया | जब वे आए तो दीप प्रज्वलित कर उन्होंने कार्यक्रम शुरू किया | एक छोटा सा भाषण दिया की कैसे पढ़ाई लिखाई हमारे जीवन को सार्थक कर सकते हैं और कैसे हम इस शहर के भविष्य हैं | उसके बाद समारोह शुरू हुआ | सभी बच्चे विभिन्न प्रकार के पोशाक में नज़र आ रहे थे | कोई बैटमैन बना, कोई सुपरमैन, कोई चाचा नेहरु तो कोई गाँधी, कोई छोटा भीम था तो कोई डोरेमोन | मुझे सबसे अच्छा चाचा चौधरी वाली पोशाक लगी | बारी बारी से सभी बच्चे अपनी पोशाक दिखाते स्टेज पे चल रहे थे | इसके अलावा भी कई बच्चो ने नृत्य और नाटक पेश किया | अंत में सबसे अच्छी पोशाक को इनाम मिला और कई बच्चों को उनके कक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मेडल भी दिए गए | मुझे भी आगे चल कर डी.एम साहब की तरह कामयाब बनना है | मुझे स्कूल भेजने और पढ़ाने का शुक्रिया | आपके प्रोत्साहन और आशीर्वाद से कुछ भी मुमकिन है | मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने पत्र लिख दिया | आप जब आएंगे तो खूब सारी बातें करेंगे |
आपकी बहुत याद आती है | आप जल्द ही अपना काम ख़त्म करके घर वापस आ जाइए | अपना ख्याल रखियेगा |
आपकी प्यारी
आपका पता
दिनांक -
पूजनीय पिताजी,
सादर प्रणाम!
मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ। तथा आशा करता हूँ कि आप सभी वहाँ कुशलपूर्वक होंगे। हर साल की तरह इस साल भी मेरे स्कूल में वार्षिक उत्सव बड़ी ही धूम-धाम से मनाया गया। इसकी तैयारी महीना भर पूर्व ही शुरू हो चुकी थी। तीन दिन के इस उत्सव में मैंने भी सहभाग लिया था। और व्यस्त होने के कारण मैं आपको पत्र नहीं लिख सका। स्कूल की तरफ से आपको भी निमंत्रण पत्र भेजा गया था। परंतु मुझे माँ से पता चला कि दफ्तर में अधिक कार्य होने के कारण आप नहीं आ सके। कोई बात नहीं।
आपको और माँ को यह जानकर अत्यधिक आनंद होगा कि आपके बेटे को इस वर्ष कक्षा में सर्वप्रथम आने का पुरस्कार मिला है। इसके अलावा मुझे दौड़ स्पर्धा में द्वितीय तथा नाटक में हिस्सा लेने के लिए भी पुरस्कार प्राप्त हुआ है। यह सब आपकी और माँ की आशीर्वाद का फल है। यह पुरस्कार मेरे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। मैंने इसके लिए काफी मेहनत की थी और आगे भी करता रहूँगा। प्रधानाचार्य महोदय और मेरे सभी शिक्षकों ने मेरी खूब प्रशंसा की।
अच्छा अब पत्र समाप्त करता हूँ। खत मिलते ही पत्र भेजना। मैं राह देखूँगा।
माँ को मेरा चरणस्पर्श और छोटी को प्यार
आपका प्यारा पुत्र
अ ब क (आपका नाम)