विद्यालय से लौटते हुए बच्चों को भीख मांगते हुए देख कर मानसिक उथल पुथल को शब्दबद्ध करते हुए डायरी लिखिए।
Answers
डायरी लेखन
Explanation:
बुधवार,
12 .11 .2019
रात्रि 9 बजे
प्रिय डायरी,
आज मैंने विद्यालय से आते हुए कुछ ऐसा देखा जिसने मेरी अंतरात्मा को झंकझोर दिया। मैंने देखा कि भरी सर्दी के महीने में कुछ गरीब बच्चें जिनके पास न तो गर्म कपड़े थे और न ही जूते सिगनल पर भीख माँग रहे थे। वे बच्चे बहुत ही भूखे और लाचार दिखाई दे रहे थे। वे अपनी जान दांव पर लगा कर सड़क के बीचों-बिच कुछ कुछ करतब दिखा रहे थे और पैसे माँग रहे थे। बत्ती हरी होने पर वे लोग चुपचाप एक किनारे जा कर खड़े हो जा रहे थे। ये सब देख कर मुझे बहुत दुःख हुआ कि पढ़ाई करने कि उम्र में ये बच्चें कैसे भीख माँग रहे हैं|
मुझे उन गरीब बच्चों को देख कर पता चला कि मुझे ईश्वर ने कितना कुछ दिया है और फिर भी मैं हमेशा ईश्वर से और अधिक होने की कामना करता रहता था । मुझे आज समझ आया कि हमरे पास जितना कुछ है हमे उसी में संतोष करना चाहिए।
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