India Languages, asked by ykmvm8019, 3 months ago

विद्या नाम नरस्य कीर्तिरतुला​

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Answered by bissue
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*भावार्थ -* विद्या मनुष्य की अनुपम कीर्ति है, भाग्य का नाश होने पर वह आश्रय देती है, विद्या कामधेनु है, विरह में रति समान है, विद्या ही तीसरा नेत्र है, सत्कार का मंदिर है, कुल की महिमा है, बिना रत्न का आभूषण है; इसलिये अन्य सब विषयों को छोडकर विद्यावान् बनना चाहिये।

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