विद्यापति ने किन तीन भाषाओं में अपनी रचनाएं लिखी हैं? लिखिए।
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विद्यापति ने संस्कृत, मैथिली और भोजपुरी भाषा में अपनी रचनाएं लिखी हैं।
- विद्यापति, जिसे मैथिल कवि कोकिल (मैथिली के कवि कोयल) के नाम से भी जाना जाता है, एक मैथिली और संस्कृत पॉलीमैथ-कवि-संत, नाटककार, संगीतकार, जीवनी लेखक, दार्शनिक, कानून-सिद्धांतकार, लेखक थे। दरबारी और शाही पुजारी। वह शिव के भक्त थे, लेकिन उन्होंने प्रेम गीत और भक्ति वैष्णव गीत भी लिखे।
- विद्यापति का प्रभाव केवल मैथिली और संस्कृत साहित्य तक ही सीमित नहीं था, बल्कि अन्य पूर्वी भारतीय साहित्यिक परंपराओं तक भी था। विद्यापति के समय की भाषा, प्राकृत-व्युत्पन्न स्वर्गीय अबहत्था, पूर्वी भाषाओं जैसे मैथिली और भोजपुरी के शुरुआती संस्करणों में परिवर्तित होना शुरू हो गई थी। इस प्रकार, इन भाषाओं को बनाने पर विद्यापति के प्रभाव को "इटली में दांते और इंग्लैंड में चौसर के समान" के रूप में वर्णित किया गया है। उन्हें "बंगाली साहित्य का जनक" कहा जाता है।
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