विद्यार्थी का दोहरा व्यक्तित्व उनके भविष्य को अंधकार में बदल देता है
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विद्यार्थी का दोहरा व्यक्तित्व उनके भविष्य को अंधकार में बदल देता है
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यह एक दम सत्य वाक्य विद्यार्थी का दोहरा व्यक्तित्व उनके भविष्य को अंधकार में बदल देता है | विद्यार्थी ही नहीं सब के लिए है , हमारा दोहरा व्यक्तित्व हमारे लिए हानिकारक होता है |
विद्यार्थी को हमेशा सफलता पाने के लिए एक ही लक्ष्य पर चलना चाहिए , बीच रास्ते में उसे अपना लक्ष्य नहीं बदलना चाहिए | ऐसा करने से वह असफलता प्राप्त करेगा | विद्यार्थी को हमेशा अपने दिमाग और दिल से काम लेना चाहिए , जो उसे अच्छा लगता है , जिस विषय में उसकी दिलचस्पी है , उसे उसी में अपना भविष्य बनाना चाहिए | यदि विद्यार्थी दोनों तरफ़ चलता है उसे खुद ही नहीं पता होता उसका लक्ष्य क्या है , और वह अपने आप को अंधकार की और ले जता है |
हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए | अपने भविष्य के लिए लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मेहनत के रास्ते पर चलना चाहिए |
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विद्यार्थी का दोहरा व्यक्तित्व उसके भविष्य को अंधकार में बदल देता है।
उत्तर:- विद्यार्थी का दोहरा व्यक्तित्व उसके भविष्य को अंधकार में बदल देता है। यह कथन बिल्कुल सत्य है। क्योंकि एक विद्यार्थी अपना लक्ष्य एक बार ही निर्धारित कर सकता है। वह अपने एक लक्ष्य पर अगर चलेगा तो उसे सफलता कदमों में आकर मिलेगी और वह अपने जीवन में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त करेगा। मनुष्य का एक ही लक्ष्य होना चाहिए। जो वह निर्धारित करता है। अगर वह उसे निर्धारित नहीं कर पाता। तो उसे दोहरी परिश्रम करनी होगी और एक बार परिश्रम करने से जो व्यक्तित्व मिलता है। अगर वह व्यक्तित्व खराब है तब फिर से उसे दोहरा व्यक्तित्व बनाना पड़ेगा।
एक एक विद्यार्थी को हमेशा अपने दिमाग से काम लेना चाहिए और वह हमेशा अच्छा सोचे सकारात्मकता ही इंसान को ऊपर उठाती है और सकारात्मकता इंसान को अच्छी और बुरी में फर्क करना सिखाती है । चाहे वह पढ़ाई हो या अन्य क्रियाकलाप । हमें हमेशा अच्छाई के रास्ते पर चलना चाहिए । जिससे हमारा व्यक्तित्व बहुत अच्छा बनेगा। हमें हमेशा सत्य बोलना चाहिए , जिससे हमारा व्यक्तित्व बहुत अच्छा बनेगा।