विद्यार्थी में बढ़ती अनुशासन हीनता
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अनुशासनहीनता विद्यार्थी को बार बार पद पद पर लक्षित और प्रताड़ित करती है विद्यार्थियों के कोमल मस्तिक पर पश्चिमी सभ्यता फैशन पर स्थित दूरदर्शन तथा चलचित्र का प्रभाव पड़ने के कारण में अनुशासनहीनता संस्कार विहीन होते जा रहे हैं अनुशासनहीनता का दूसरा कार्य दूसरे शिक्षा प्रणाली भी है आज की शिक्षाएं पवित्र कामना रहकर एक व्यवसाय बन गया है इसका नैतिक मूल्यों से कुछ लेना-देना नहीं ।
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