विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध। Essay on Students and Politics in Hindi
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विद्यार्थियों का राजनीति में भाग लेने का प्रश्न हमेशा ही विवाद का विषय रहा है । यह बहुत ही विवादास्पद समस्या है । समाज के दो वर्गो द्वारा दो परस्पर विरोधी मत व्यक्त किए जाते रहे हैं ।
दोनो वर्ग अपने तर्कों के श्रेष्ठ होने के बारे में समान रूप से आश्वस्त हैं । विद्यार्थियों, अध्यापकों, राजनीतिज्ञों और विद्यार्थी समुदाय के अन्य शुभचिन्तकों के बीच वाद-विवाद होता रहता है । उनके भरपूर प्रयासों के बावजूद भी इस सम्बन्ध में अभी तक कोई सन्तोषजनक और विश्वास योग्य हल नहीं निकल पाया है ।
जो लोग राजनीति में विद्यार्थियों के भाग लेने का विरोध करते है वे अपना पक्ष जोरदार रूप से प्रस्तुत करते हैं । उनका तर्क यह है कि राजनीति एक गन्दा खेल है । इससे दल और पार्टियाँ बन जाती है, जिससे स्थायी शत्रुता पैदा हो जाती है ।
इससे विद्यार्थियों के मन की शांति समाप्त हो जाती है । विद्यार्थियों का मुख्य कार्य यह है कि वे एकाग्रचित होकर अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें । एक विद्यार्थी से आशा की जाती है कि वह तपस्या का जीवन व्यतीत करे, वह न तो राजनीति जैसी ऐय्याशी में भाग ले सकता है न ही उसे भाग लेना चाहिए ।