विद्युत घण्टी की बनावट एवं कार्यप्रणाली समझाइए।
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विद्युत घंटी छह प्रमुख अवयवों से बनी होती है।
- बैटरी
- कुंडली
- लोहे की पत्ती
- हथौड़ी
- संपर्क पेच
- घंटी
बनावट — विद्युत घंटी में एक लोहे के क्रोड पर तांबे के विद्युत रोधी तार लपेटे जाते हैं जो कि कई फेरों में होते हैं। इस प्रकार यह लोहे की क्रोड एक कुंडली बन जाती है। इस कुंडली के निकट ही एक लोहे की पत्ती लगाई जाती है जिसके सिर पर एक छोटी सी हथोड़ी लगी होती है। लोहे की पत्ती संपर्क पेच से सटी होती है।
कार्यप्रणाली — जब परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो विद्युत धारा के प्रवाह के कारण उस परिपथ में एक चुंबकीय प्रभाव स्थापित हो जाता है और कुंडली विद्युत चुंबक बन जाती है। इस कारण कुंडली लोहे की पत्ती को अपनी ओर आकर्षित करती है और लोहे की पत्ती के सिर पर लगी हथोड़ी घंटी से टकराती है, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है। जब विद्युत धारा का प्रवाह बंद हो जाता है तो परिपथ टूट जाता है। इसलिए कुंडली विद्युत चुंबक नही रह जाती। तब लोहे की पत्ती अपने पूर्ववत् अवस्था में आ जाती है। जब कुंडली में पुनः विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं तो यही प्रक्रिया फिर होने लगती है। इस तरह बार-बार पत्ती द्वारा हथौड़ी के घंटी से टकराने के कारण ध्वनि उत्पन्न होती है।