विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव किसे कहते हैं? विद्युत लेपन की प्रक्रिया को समझाइए।
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विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव — जब किसी चालक विलियन में विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं तो वह अपने अवयवों में विभक्त हो जाती है। इसे विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव कहते हैं अर्थात किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर रासायनिक अभिक्रिया होती हैं और इसके कारण इलेक्ट्रोड के ऊपर निक्षेप दिखाई देते हैं। यह क्रियाएं उपयोग में लाए जाने वाले विलियन और इलेक्ट्रोडों पर निर्भर करती हैं।
विद्युत लेपन — विद्युत द्वारा किसी वस्तु पर किसी वांछित पदार्थ के लेपन करने की प्रक्रिया को विद्युत लेपन कहते हैं।
विद्युत लेपन की प्रक्रिया — किसी साफ़ और सूखे बीकर में कॉपर सल्फेट का विलियन लें और लगभग 10 × 4 सेमी के आकार की प्लेटों को लेकर रेगमाल से साफ करें, फिर पानी से धोकर सुखा लें। अब तांबे की प्लेटों को बैटरी के टर्मिनल से संयोजित कर दें और कॉपर सल्फेट के विलयन से भरे बीकर में डुबो दें। उसके बाद पूरे परिपथ में लगभग 15 मिनट तक विद्युत धारा प्रवाहित करें अब प्लेटों को विलियन से बाहर निकाल कर ध्यान पूर्वक देखें तो पाते हैं कि ऋणायन से जुड़ी प्लेट पर तांबे की परत चढ़ी दिखाई देती है। जब कॉपर सल्फेट विलियन को जल में घोलते हैं तो ऋणायन पर कॉपर और धनायन पर सल्फेट वियोजित हो जाता है और स्वतंत्र कॉपर बैटरी के ऋण टर्मिनल से संयोजित होकर इलेक्ट्रोड की ओर आकर्षित होता है और उस पर जमा हो जाता है। बैटरी के धन टर्मिनल से जुड़ी प्लेट से उतनी ही मात्रा का कॉपर धनायन विलियन में घुल जाता है। ये प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है।
इस तरह इस विद्युत लेपन की प्रक्रिया में धन टर्मिनल से जुड़ी कॉपर की प्लेट से कॉपर ऋण टर्मिनल से जुड़ी प्लेट की ओर स्थानान्तरित होता रहता है।