विद्या धन उद्यम बिना कहो जु पावे कौन बिना डुलाए न मिले जयों पंखा की पौन दोहे का मतलब
Answers
Uprokt panktiyon ka arth hai ki humein her cheez paane ke liye bohot
mehnat karni padti hai.Bina mehnat kiye na dhan milega na vidya.Yeh bilkul
vaise hi hai jaise bina pankha hillaye pankhe ki haa bhi nhi milegi.Ye bilkul
satya kathan hai kyunki aaj ke samay main sab mehnat karne se bachna
chahte hain per ye sabhi ko pata hona chahiye ki parikshram karna bohot
zaruri hai.
Log mehnat nhi karna chahte isiliye chori daaka ya utpatang kam karte hain
per unhe mehnat karni chahiye
विद्या धन उद्यम बिना, कहो जु पावे कौन। बिना डुलाए न मिले, जयों पंखा की पौन। इस पंक्ति में वृद जी द्वारा मेहनत के महत्व का वर्णन किया गया है। जीवन में बिना किसी प्रयास कोई भी चीज प्राप्त नहीं हो सकती। विद्या रुपी धन की प्राप्ति के लिए मेहनत बहुत जरूरी है। जैसे बिना पंखे को हिलाए, हवा नहीं मिलती ठीक वैसे ही बिना प्रयास किए विद्या रुपी धन की प्राप्ति नही होती।