वेदव्यास कृत महाभारत के अनुसार, अर्जुन या कर्ण में कौन विश्व का सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर था (कृपया प्रामाणिक उत्तर दें)?
Answers
Karn and arjun are excellent in dhanurvidhya .lekin karn srast hai
महाभारत
महाभारत का यह रोचक प्रश्न है को आखिर अर्जुन और कर्ण में सर्वश्रेष्ठ कौन था?
वेदव्यास ने महाभारत की रचना के दौरान कभी अर्जुन या कर्ण को कम नहीं दिखाया। हालाकि तत्कालीन समाज हमेशा अर्जुन को महान मानता है पर कुछ तत्त्य यह साबित करते है कि कर्ण अर्जुन से ज़्यादा श्रेष्ठ और महान धनुर्धर था।
१. कर्ण ने सारा ज्ञान अपने मेहनत से हासिल किया जबकि अर्जुन ने जो भी पाया वह द्रोणाचार्य द्वारा सिखाया गया था।
२. कर्ण अंत में परशुराम से ज्ञान अवश्य पाता है पर परशुराम कर्ण को श्राप दे देते है कि उससे युद्ध के दौरान उनकी सिखाई हुई विद्या याद नहीं रहेगी। इसलिए कर्ण ने महाभारत की युद्ध में सिर्फ अपने संघर्ष के बल पर लड़ाई लड़ी।
३. कर्ण से भगवान इंद्र ने उसका कवच और कुंडल के किया था। इसके पश्चात महाभारत के युद्ध में कर्ण ने युजिष्ठिर, भीम, नकुल और सहदेव को भाला, गदा, तलवार और हसिए के द्वारा पराजित किया।
इससे यह साबित होता है कि वह एक श्रेष्ठ योद्धा भी थे जबकि अर्जुन को सिर्फ तीर चलाना आता था।
४. भगवान श्री कृष्ण भली भांति जानते थे अगर युद्ध कर्ण और अर्जुन का आमना सामना हुआ तो मृत्यु अर्जुन की होगी जबकि अर्जुन के रथ पर भगवान हनुमान सवार थे। इसी कारण, कर्ण के रथ का पहिया माटी में फंसाकर, अर्जुन ने छल से कर्ण को मारा।
५. मृत्यु से पहले कृष्ण भगवान ने यह सार्वजनिक कर दिया था कि कर्ण अर्जुन से ज़्यादा श्रेष्ठ धनुर्धर था, तभी उसकी मृत्यु छल के द्वारा कराई गई।
कर्ण एक दानवीर महान पुरुष, धनरूधर, योद्धा और दयावान था।
ज़िंदगी भर के संघर्ष के बाद यह कहने में कोई दहुराई नहीं की कर्ण ही सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर था।