विदयाय में विदयाचियों को शारीरिक दण्ड दिया
जार अथवा नहीं - इस वषय पर दो मित्रों में बात चात
हुई। संवाद के रूप में लिखि।
Answers
साहिल: नमस्कार ऋषभ कैसे हो
ऋषभ: ठीक हूं दोस्त और तुम बताओ तुम कैसे हो
साहिल: मैं भी ठीक हूं और स्कूल में सब कैसा चल रहा है
ऋषभ: अभी स्कूल बंद है क्योंकि स्कूल पर कुछ कानूनी कार्यवाही चल रही है
साहिल: अच्छा ऐसा क्या हो गया
ऋषभ: हमारे स्कूल के एक शिक्षक ने एक छात्र को शारीरिक दंड दिया जिसके वजह से उसके पैरों की हड्डियां टूट गई और अब वह अस्पताल में भर्ती है जिसके वजह से उसके माता-पिता ने हमारे शिक्षक पर केस दर्ज कर दिया इस वजह से स्कूल पर कानूनी कार्यवाही चल रही है
साहिल: यह तो बहुत बुरा हुआ उस बच्चे के साथ. तुम्हें क्या लगता है ऋषभ क्या शारीरिक दंड देना चाहिए मुझे तो लगता है कि बच्चे बिना डांट डपट के नहीं पढ़ पाते हैं इसलिए कहीं ना कहीं शारीरिक दंड देना जरूरी है
ऋषभ: मुझे लगता है कि यदि बच्चे गलती करें तो उन्हें प्यार से समझाना चाहिए ना कि शारीरिक दंड देना चाहिए क्योंकि शारीरिक दंड का बच्चों के मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है.
साहिल: किंतु अगर समझाने से भी बच्चे ना पड़े तो शिक्षक क्या करें .
ऋषभ: पर उसके माता-पिता को भी स्कूल में बुलाकर उनसे बात कर सकता है किंतु सारे एक दंड देना बिल्कुल ही गलत है हमारे सरकार ने भी इसे भारत में बैन किया हुआ है. कई शिक्षक इसका गलत इस्तेमाल भी करते हैं उनका यदि किसी बच्चे के माता-पिता से झगड़ा हुआ होता है तो वह उस बच्चे को शारीरिक दंड देकर उसका शोषण भी करते हैं इसलिए यह पूरी तरह से बंद होना चाहिए जैसा कि हमारे स्कूल में हुआ उस छात्र के साथ वैसा आप किसी और छात्र के साथ नहीं होना चाहिए.
साहिल: बात तो तुम्हारी सही है किंतु कुछ शिक्षकों की मजबूरी भी होती है जब बच्चे हद से ज्यादा बदमाश हो जाते हैं तब उनके पास उन्हें दंड देने के अलावा और कोई चारा नहीं रह जाता है छोड़ो हम तो वैसे भी छात्र हैं हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम अपने शिक्षकों को इस तरह से मजबूर ना करें ताकि वह हमें भी शारीरिक दंड दे.
ऋषभ: सही कहा अच्छा चलो अब हम चलते हैं फिर कोशिश करें कि जल्दी तुमसे मुलाकात हो गुड बाय
साहिल: goodbye Rishabh