Hindi, asked by prawinkrishna2985, 8 months ago

विविध बुद्धिमता के सिध्दांत के आधार बुध्दिमता के कितने प्रकार होते हैं ?

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Answered by Anonymous
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बुद्धि intelligence ) वह मानसिक शक्ति है जो वस्तुओं एवं तथ्यों को समझने, उनमें आपसी सम्बन्ध खोजने तथा तर्कपूर्ण ज्ञान प्राप्त करने में सहायक होती है। यह 'भावना' और अन्तःप्रज्ञा (Intuition/इंट्युसन) से अलग है। बुद्धि ही मनुष्य को नवीन परिस्थितियों को ठीक से समझने और उसके साथ अनुकूलित (adapt) होने में सहायता करती है। बुद्धि को 'सूचना के प्रसंस्करण की योग्यता' की तरह भी समझा जा सकता है। बुद्धि तार्किक चिंतन है यह स्पीयरमैन ने कहा..."बुद्धि बिजली के समान है,जिसे परिभाषित करना कठिन है परन्तु मापना सम्भव तथा आसान है!"jenson

प्रस्तावना संपादित करें

प्राचीन काल से ही बुद्धि ज्ञानात्मक क्रियाओं में चर्चा का विषय रहा है। कहा जाता है कि, 'बुद्धिर्यस्य बलंतस्य' अर्थात् जिसमें बुद्धि है वही बलवान है। बुद्धि के कारण ही मानव अन्य प्राणियों से श्रेष्ठ माना जाता है। मनोविज्ञान के क्षेत्र में भी बुद्धि चर्चा का विषय रहा है। हजारों वर्ष पूर्व से ही व्यक्तियों को बुद्धि के आधार पर अलग-अलग वर्गों में बांटा गया। कुछ व्यक्ति बुद्धिमान कहलाते हैं, कुछ कम बुद्धि के, कुछ मूढ बुद्धि के तो कुछ जड़ बुद्धि कहलाते हैं। परन्तु बुद्धि के स्वरूप को समझना बड़ा कठिन है।

बुद्धि के स्वरूप पर प्राचीन काल से ही मतभेद चले आ रहे हैं तथा आज भी मनोवैज्ञानिकों तथा शिक्षाविदों के लिए भी बुद्धि वाद-विवाद का विषय बना हुआ है। 19वीं सदी के उत्तरार्द्ध से भी बुद्धि के स्वरूप को समझने हेतु मनोवैज्ञानिकों ने प्रयास प्रारम्भ किए परन्तु वे भी इसमें सफल नहीं हुए तथा बुद्धि की सर्वसम्मत परिभाषा न दे सके। वर्तमान में भी बुद्धि के स्वरूप के सम्बंध में मनोवैज्ञानिकों के विचारों में असमानता है। अलग-अलग मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि के स्वरूप को अलग-अलग ढंग से पारिभाषित किया।

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