व्यवहारवाद एवं उत्तर व्यवहारवाद में अन्तर बताइए।
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व्यवहारवाद एवं उत्तर व्यवहारवाद में अन्तर बताइए।
व्यवहारवाद एवं उत्तर व्यवहारवाद में अन्तर-व्यवहारवाद एवं उत्तर व्यवहारवाद में निम्नलिखित अन्तर हैं
विकास की विभिन्न अवस्थाओं में अन्तर – व्यवहारवाद परम्परागत राजनीतिक दृष्टिकोण के प्रति एक बौद्धिक प्रतिक्रिया है, जो राजनीति विज्ञान के विकास को प्रकट करती है, जबकि उत्तर व्यवहारवाद व्यवहारवाद में महत्त्वपूर्ण सुधार है।
प्रकृति में अन्तर – व्यवहारवाद की मूल प्रकृति रचनात्मक नहीं है, जबकि उत्तर व्यवहारवाद अपनी प्रकृति से रचनात्मक है। इसने व्यवहारवाद का विरोध करने के साथ-साथ ही नवीन प्रयोग कर उसका विकास किया।
दृष्टिकोण में अन्तर – व्यवहारवाद के राजनीतिक अध्ययन में केवल तथ्यों को महत्त्व प्रदान किया गया है, जबकि उत्तर व्यवहारवाद ने राजनीतिक अध्ययन में मूल्य एवं तथ्य दोनों के महत्त्व को स्वीकार किया है।
प्रासंगिकता का अन्तर – व्यवहारवाद ने प्रासंगिकता के सिद्धान्त की उपेक्षा की है, जबकि उत्तरे व्यवहारवाद प्रासंगिकता के सिद्धान्त को मानता है।
मान्यता में अन्तर – व्यवहारवाद राजनीति विज्ञान एवं प्राकृतिक विज्ञान में आधारभूत समानता को स्वीकार करता है, जबकि उत्तर व्यवहारवाद इस समानता को स्वीकार न करके राजनीति विज्ञान को एक सामाजिक विज्ञान मानता है।
राजनीति-विज्ञान में व्यवहारवाद (बिहेवियरलिज़म) एक ऐसा प्रभावशाली राजनीतिक सिद्धांत है जिसने राजनीतिक अध्ययन करने में मूल्यों को तरजीह देने का विरोध किया। यह राजनीति को प्राकृतिक विज्ञानों के तर्ज़ पर समझना चाहती है। व्यवहारवादी विद्वानों ने राजनीति को एक प्रणाली के रूप में देखा और गुणात्मक के बजाय मात्रात्मक विश्लेषण पर ज़ोर दे कर उसे एक विशुद्ध विज्ञान बनाने की कोशिश की। अमेरिकी वैज्ञानिक के अनुसार वाहयरवाद को कुछ भी नही किया