वही हरा-भरा मैदान था, वही सुनहरी चाँदनी, एक निःशब्द संगीत की भाँति प्रकृति पर छायी हुई थी, वही मित्र-समाज था । वही मनोरंजन के सामान थे । मगर जहाँ हास्य की ध्वनि थी, वहाँ अब करुण-क्रंदन और अश्रु-प्रवाह था ।
(अ) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ अथवा पाठ और लेखक का नाम लिखिए ।
(ब) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(स) वहाँ चाँदनी कहाँ और कैसी छायी हुई थी ?
Answers
Answered by
30
Explanation:
वही हरा-भरा मैदान था, वही सुनहरी चाँदनी, एक निःशब्द संगीत की भाँति प्रकृति पर छायी हुई थी, वही मित्र-समाज था । वही मनोरंजन के सामान थे । मगर जहाँ हास्य की ध्वनि थी, वहाँ अब करुण-क्रंदन और अश्रु-प्रवाह था ।
(अ) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ अथवा पाठ और लेखक का नाम लिखिए ।
(ब) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(स) वहाँ चाँदनी कहाँ और कैसी छायी हुई थी ?
Answered by
11
Answer:
(ब)
Explanation:
सुनहरी चांदनी, एक नि: शब्द संगीत की भांति प्रकृति पर छाई हुई थी
Similar questions