Van ka mahtav short all paragraph
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yaar mt do question please
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वन किसी भी देश के मूल्यवान धन होते हैं। वृक्षों के दो महत्वपूर्ण वनस्पति कार्य हैं। वे नाइट्रोजन लेते हैं और ऑक्सीजन बाहर फेंक देते हैं। ऑक्सीजन सभी जीवो के लिए लाभदायक है। उनका दूसरा महत्वपूर्ण कार्य है कि भूमि तथा वर्षा के जल को उनकी जड़ें अवशोषित करती है। जिससे भू-क्षरण तो नियंत्रित होता ही है और नदियों का जल-प्रवाह भी नियंत्रित रहता है। वनों का हमारे पर्यावरण और मानव समाज से गहरा सम्बन्ध है।
भारत का वन क्षेत्र : भारत के जंगल देश के भौगोलिक क्षेत्र का 23% है। हमारे देश के वन विश्व की संपूर्ण भूमि का 1.85% स्थान घेरते हैं। वन देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसी भी देश में कम से कम दो-तिहाई वन क्षेत्र होना चाहिए। परन्तु नगरीकरण, वनों के अत्यधिक दोहन और अन्धाधुंध कटाई के चलते हमारे देश में वन क्षेत्र तेजी से सिमटता जा रहा है।
वनों से लाभ : वनों कि लकड़ियाँ निर्धन लोगों को भोजन पकाने के लिए ईंधन के रूप में उपयोग में आती हैं। जंगल उद्योगों के लिए कच्चा माल प्रदान करते हैं। वह लोग जो जंगलों में घर बनाते हैं, वृक्ष उनके लिए लकड़ियां प्रदान करते हैं। वन से हमें प्रचुर मात्रा में फलों के साथ-साथ अनेक जीवनोपयोगी जड़ी-बूटियाँ भी प्राप्त होती हैं। इसके अतिरिक्त वन पाशी-पक्षियों के लिए प्राकृतिक आवास उपलब्ध कराते हैं। वनों से पर्यावरण में संतुलन स्थापित होता है। जहां अधिक वृक्ष होते हैं, वहाँ समय से वर्षा होती है। कागज़ उद्योग, फर्नीचर उद्योग, दियासलाई उद्योग और टिम्बर आदि उद्योगों का आधार भी वन ही हैं।
भारत का वन क्षेत्र : भारत के जंगल देश के भौगोलिक क्षेत्र का 23% है। हमारे देश के वन विश्व की संपूर्ण भूमि का 1.85% स्थान घेरते हैं। वन देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसी भी देश में कम से कम दो-तिहाई वन क्षेत्र होना चाहिए। परन्तु नगरीकरण, वनों के अत्यधिक दोहन और अन्धाधुंध कटाई के चलते हमारे देश में वन क्षेत्र तेजी से सिमटता जा रहा है।
वनों से लाभ : वनों कि लकड़ियाँ निर्धन लोगों को भोजन पकाने के लिए ईंधन के रूप में उपयोग में आती हैं। जंगल उद्योगों के लिए कच्चा माल प्रदान करते हैं। वह लोग जो जंगलों में घर बनाते हैं, वृक्ष उनके लिए लकड़ियां प्रदान करते हैं। वन से हमें प्रचुर मात्रा में फलों के साथ-साथ अनेक जीवनोपयोगी जड़ी-बूटियाँ भी प्राप्त होती हैं। इसके अतिरिक्त वन पाशी-पक्षियों के लिए प्राकृतिक आवास उपलब्ध कराते हैं। वनों से पर्यावरण में संतुलन स्थापित होता है। जहां अधिक वृक्ष होते हैं, वहाँ समय से वर्षा होती है। कागज़ उद्योग, फर्नीचर उद्योग, दियासलाई उद्योग और टिम्बर आदि उद्योगों का आधार भी वन ही हैं।
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