वन के मार्ग में सीता को होने वाली कठिनाइयों के बारे में लिखो।
Class 6 NCERT Hindi Chapter ‘वन के मार्ग में’
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‘वन के मार्ग’ में तुलसीदास द्वारा रचित दो सवैया है। ये उनकी प्रसिद्ध रचना ‘कवितावली’ के ‘अयोध्याकांड’ से लिए गए हैं।इनमें उन्होंने वन के मार्ग में जाते हुए श्री राम और सीता जी का सुंदर चित्रण किया है। प्रथम सवैया में कवि ने बताया है कि सीता जी नगर से बड़ा धैर्य धारण करके वन के मार्ग में निकली। दूसरे सवैया में कवि ने श्री राम और सीता जी के आपसी प्रेम का सुंदर चित्रण किया है।
उत्तर :-
वन के मार्ग में निकलते ही दो पग चलने के बाद उनके माथे पर पसीने की बूंदें झलकने लगी। उनके मधुर होंठ भी सूख गए। वे थकने के कारण व्याकुल हो उठी।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
उत्तर :-
वन के मार्ग में निकलते ही दो पग चलने के बाद उनके माथे पर पसीने की बूंदें झलकने लगी। उनके मधुर होंठ भी सूख गए। वे थकने के कारण व्याकुल हो उठी।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
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Answer:वन के मागा में जाते हुए स़ीता र्ोड़ी ही देर में र्क गई।उनके मार्े से पस़ीना बहने लगा और होंठ सूख गए। वन के मागा में चलते-चलते उनके पैरों में कााँटें चुभने लगे।
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