Hindi, asked by aditya13564, 9 months ago

वन्य जीवन का संरक्षण पर निबंध 200 शब्दो मे।​

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Answered by assutishshembade
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निबंध-

वन्य जीव जो पर्यावरण का एक अभिन्न अंग है, देश के धन का गठन करता है। इसमें जंगली जानवर, पक्षी, पौधे आदि शामिल हैं। फिर भी, इंसान प्रगति और विकास की प्रक्रिया में और अपने स्वा र्थ के लिए, वनों और वन्य जीव को बहुत नुकसान पहुँचा रहा है। वन्य जीवन प्रकृति का उपहार है और इसकी गिरावट से पारिस्थितिकी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और इसलिए वन्य जीवों की रक्षा की तत्काल आवश्यकता है। इसलिए, विनाश से वन्य जीवों की रक्षा के लिए, भारतीय संसद ने वर्ष 1972 में वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम पारित किया।

उद्देश्य

इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य जंगली जानवरों, पक्षियों और पौधों को प्रमाणित सुरक्षा प्रदान करना है। कुछ क्षेत्रों को अभयारण्य या राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित करने के लिए अधिनियम बनाने का अधिकार केन्द्र सरकार को है। अधिनियम जंगली जानवरों तथा पक्षियों आदि के शिकार पर प्रतिबंध लगाता है, और प्रतिबंध के उल्लंघन के लिए दंड देता है।

मुख्य - मुख्य बातें

अधिनियम में 66 धाराएं हैं जो सात अध्यााय और छह अनुसूची में विभाजित है। अध्याय - I (अनुसूची 1 और 2) संक्षिप्त शीर्षक और परिभाषाएं शामिल हैं। अध्या य - II अधिनियम के तहत प्राधिकरण से संबंधित है। अध्याय – III निर्दिष्ट पौधों की सुरक्षा से संबंधित है। अध्याय – IV अभयारण्यों, राष्ट्रीय उद्यानों और अवरूद्ध क्षेत्रों की घोषणा से संबंधित है। अध्याय – IV(अ) केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण और चिड़ियाघरों की मान्यता से संबंधित है। अध्याय – VII जंगली पशु, पशु लेख और ट्राफी के व्यापार या वाणिज्य से संबंधित है। अध्याय – VI अपराधों की रोकथाम और जांच से संबंधित है। और अंत में अध्याय – VII में विविध प्रावधान उपलब्धब हैं।

प्राधिकारी

अधिनियम के अनुसूची 3 के तहत केन्द्रत सरकार को निदेशक और सहायक निदेशक वन्यअजीव संरक्षण तथा अन्यि अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति करने का अधिकार है। इसके अलावा, अनुसूची 4 के तहत राज्यय सरकार को मुख्यक वन प्रबंधक, वन प्रबंधक तथा प्रत्येिक जिले में अवैतनिक वन प्रबंधक और अन्या अधिकारियों तथा कर्मचारियों की आवश्यिकतानुसार नियुक्ति करने का अधिकार है।

वन्य जीव सलाहकार बोर्ड

वन्य जीवों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए अभ्याजरण्यय, राष्ट्रीय उद्यान, तथा प्रतिबंधित क्षेत्रों का चयन और घोषणा करने के लिए यह प्रत्येकक राज्यु या केन्द्र शासित प्रदेश में राज्य सरकार को परामर्श देने के लिए गठित की गई है।

जंगली जानवरों का शिकार

अधिनियम जंगली जानवरों के शिकार पर प्रतिबंध लगाता है। अधिनियम की अनुसूचियों के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी जंगली जानवर का शिकार नहीं कर सकता। हालांकि, कुछ अपवाद भी हैं। राज्य सरकार विशेष परिस्थितियों में जैसे आत्मररक्षा या किसी दूसरे की जान बचाने के लिए किसी भी जंगली जानवर को मारने या घायल करने का आदेश दे सकता है। इन परिस्थियों में जानवर को मारना या घायल करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता और मारे गये या घायल किये गये जानवर सरकार की संपत्ति होगी। सरकार शैक्षिक उद्देश्य के लिए कुछ जंगली जानवरों को मारने की अनुमति दे सकती है।

अभयारण्य

राज्य सरकार, यदि वन्यह जीव की सुरक्षा और संरक्षण के लिए आरक्षित वन या जल क्षेत्र के भीतर किसी भी क्षेत्र को लायक समझती है तो अधिसूचना द्वारा, एक अभयारण्य के रूप में घोषित कर सकती है।

राष्ट्रीय पार्क

राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा, अभयारण्य के भीतर वन्य जीव की सुरक्षा, प्रचार या विकास के उद्देश्यि के लिए किसी एक क्षेत्र को पारिस्थितिक या अन्य तकनीकी आधार की वजह से जरूरत के आधार पर एक राष्ट्रीय पार्क के रूप में घोषित कर सकती है।

चिड़ियाघरों की मान्यता

चिडि़याघर प्राधिकारी की बिना मान्ययता के संचालित नहीं किया जायेगा। कोई भी ब्यडक्ति जो चिडि़याघर संचालित करने का इरादा रखता है, वह निश्चित फार्म में प्राधिकारी से आवेदन करके उसका निर्धारित शुल्कज अदा कर सकता है। आवेदक को सभी शर्तों को पूरा करना चाहिए। इसके बाद ही प्राधिकरण अनुमति देगा। चिडि़याघर को तभी मान्येता प्रदान किया जायेगा जब वन्या जीव की सुरक्षा और संरक्षण के संबंध में निर्धारित मानकों, नियमों तथा अन्यद मामलों के बारे में प्राधिकारी पूरी तरह से आश्वसस्तं होंगे। इस तरह के चिड़ियाघर प्राधिकरण की पूर्व अनुमति के साथ ही इस अधिनियम में निर्दिष्ट किसी भी जंगली जानवर का अधिग्रहण या स्थानांतरण करेगा। कोई भी व्य क्ति किसी जानवर को तंग, छेड़छाड़, घायल नहीं करेगा तथा कुछ नहीं खिलाएगा, शोर या अन्यक माध्यदम से पशुओं को अशांत नहीं करेगा, चिड़ियाघर के मैदान को कूड़े कर्कट से गंदा नहीं करेगा।

जंगली जानवर, पशु लेख और ट्राफियों में व्यापार या वाणिज्य

सभी जंगली जानवर, पशु लेख और ट्राफियां राज्य सरकार की संपत्ति होगी। कोई भी व्यक्ति किसी भी जंगली जानवर का शिकार करने का हकदार नहीं है। कोई भी व्यपक्ति मुख्यए वन्य जीव प्रबंधक या प्राधिकृत अधिकारी के पूर्व लिखित अनुमति के बिना अधिग्रहण, उनके कब्जे, हिरासत, नियंत्रण, किसी भी व्यक्ति के लिए स्थानांतरण, उपहार, बिक्री, नष्ट या अन्यय तरह से किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं किया जाए।

Answered by vishwakarmajivikas95
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sikkim mai total kitne plants our animals hai

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