vano me kuch bhi vyarth nahi jata kyu
Answers
Answered by
0
Explanation:
वनों के कारण खनिज पदार्थ एवं अन्य उपयोगी पदार्थों की मात्रा का सन्तुलन बना रहता है तथा विभिन्न पदार्थों का चक्रीकरण होता रहता है। मृदा में ह्यूमस की उपस्थिति से मृत पादपों और जन्तुओं के पोषक तत्त्व मृदा में निर्मुक्त होते रहते हैं।
Answered by
0
वनों में कुछ भी व्यर्थ नहीं होता है क्योंकि :
वनों में कुछ भी व्यर्थ नहीं होता है क्योंकि :क्योंकि ये मृत शरीर बाजो , चीलों आदि के भोजन है, जबकि बाकी व्यर्थ (मल मूत्र और मृत शरीरों के अवशेष) सूक्ष्मजीवों और कवकों द्वारा सरल पोषकों में परिवर्तित हो जाते हैं, जिनकी धरती को अति आवश्यकता है। इसलिए वनों में कुछ भी बेकार नहीं जाता है।
मैं आशा करती हूं कि यह आपके काम आएगा
धन्यवद्
Similar questions