वर्कशीट (5)
कक्षा-9
विषय-हिंदी क्षितिज (काव्य खंड)
(पाठ 3 पर आधारित)
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर संबंधित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
मानुष हौं तो वही रसखान बसों ब्रज गोकुल गांव के ग्वारन।
जो पशु हौं तो कहा बस मेरो चरौं नित नंद की धेनु मंझारन।।
पाहन हौं तो वही गिरि को जो कियो हरिछत्र पुरंदर धारन।
जौ खग हौं तो बसेरो करौं मिलि कालिंदी कूल कदंब की डारन।।
प्रश्न १-रसखान पशु बनकर कहां रहना चाहते हैं?
प्रश्न २ रसखान अगले जन्म में कहां निवास करना चाहते हैं?
प्रश्न ३ रसखान कौन सा पत्थर बनना चाहते हैं?
प्रश्न ४-यह सवैया किसके द्वारा किस भाषा में रचित है?
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1 : रसखान जी अगले जन्म मे पशु बनकर ब्रज गाँव मे रहना चाहते है ।
2 : वे अगले जन्म मे ब्रज गाँव मे निवास करना चाहते है।
3 : वे अगले जन्म मे अगर पत्थर बने तो वहाँ के गिरि पहाङ का ।
4 : ये सवैया रसखान जी द्वारा ब्रज भाषा मे रचित है।
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