History, asked by snehasingh34141, 7 months ago

वर्णित काल में प्रचलित "दैविक राजा' प्रथा क्या थी? स्पष्ट कीजिए
सौर्य साम्राज्य की कषि से संबधित तीन विशेषताएं लिखिए।​

Answers

Answered by Ankush1839
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Answer:

राजाओं के लिए उच्च स्थिति प्राप्त करने का एक साधन विभिन्न देवी-देवताओं के साथ जुड़ना था। मध्य एशिया से लेकर पश्चिमोत्तर भारत तक शासन करने वाले कुषाण शासकों ने ;लगभग प्रथम शताब्दी ई-पू- से प्रथम शताब्दी ई- तक इस उपाय का सबसे अच्छा उद्धरण प्रस्तुत किया। कुषाण इतिहास की रचना अभिलेखों और साहित्य परंपरा के माध्यम से की गई है। जिस प्रकार के राजधर्म को कुषाण शासकों ने प्रस्तुत करने की इच्छा की उसका सर्वोत्तम प्रमाण उनके सिक्कों और मूख्रतयों से प्राप्त होता है। उत्तर प्रदेश में मथुरा के पास माट के एक देवस्थान पर कुषाण शासकों की विशालकाय मूख्रतयाँ लगाई गई थीं। अप्फ़ागानिस्तान के एक देवस्थान पर भी इसी प्रकार की मूख्रतयाँ मिली हैं।

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