Hindi, asked by Dayma123, 15 days ago

वर्ण विन्यास का हिनंदी में महत्व

Answers

Answered by Unknownvk
2

Answer:

अक्षर-विन्यास अथवा वर्तनी की शुद्धता भाषा का अनिवार्य अंग है। अभिव्यक्ति में विचारों की क्रमिकता एवं सुसम्बद्धता कितनी ही सुव्यवस्थित क्यों न हो परन्तु यदि विचारों को व्यक्त करने वाली भाषा शद्ध नहीं हो तो उसका असर नगण्य होकर रह जाएगा। भाषा की शुद्धता तो मुख्यत: शुद्ध अक्षर-विन्यास पर निर्भर करती है।

I hope you got your answer

◉‿◉

Answered by bhatiamona
0

हिंदी में वर्ण विन्यास के महत्व को स्पष्ट कीजिए​।

हिंदी में वर्ण विन्यास का बेहद महत्व है। किसी भी भाषा की शुद्धता उसके वर्णों के विन्यास पर निर्भर होती है। यदि वर्णों का संयोजन क्रम ही शुद्ध नहीं होगा तो भाषा शुद्ध नहीं बनेगी और उसका प्रभाव भी सही नहीं होगा।

भाषा की शुद्धता वर्णों के सही संयोजन अर्थात वर्ण-विन्यास पर निर्भर करती है। व्यंजन और मात्राओं का उचित क्रम तथा संयोजन से सार्थक शब्द का निर्माण होता है और सार्थक शब्दों से ही सार्थक वाक्य बनते हैं जो सार्थक अर्थ प्रदान करते हैं।

वर्ण विन्यास के क्रम में वर्तनी की समुचित जानकारी ना होने पर भाषा में अशुद्धता और त्रुटियां उत्पन्न होती हैं। वर्णों के जरा आगे पीछे होने से या मात्राओं के गलत प्रयोग से पूरे शब्द का अर्थ ही बदल जाता है।

जैसे हंस का अर्थ है एक पक्षी और हँस का अर्थ है, हँसने की क्रिया।

यहां पर चंद्रबिंदु और बिंदु के प्रयोग के कारण वर्ण का अर्थ ही बदल गया है।

उसी प्रकार गुरु शब्द शुद्ध है और गुरू अशुद्ध है।

अतः स्पष्ट है कि हिंदी में वर्ण विन्यास का बहुत महत्व है।

#SPJ3

Similar questions