वर्ष पर नन्हीसी कवितावों का संग्रहण कीजिये|
Answers
वर्षा बहार सबके मन को लुभा रही है ।
उमड़-घुमड़ कर काले बदरा छा रहे है ।
ठंडी-ठंडी हवा चल रही मन को भा रही है ।
बागों में लताओं पर फूल खिल रहे है ।
कल कल करती नदियां, इठलाती हुई बह रही है ।
मानो कोई नया संगीत सुना रही है ।।
बागों में फूल खिल रहे, सुगंध मन को भा रही है ।
सावन में झूले पर झूल रही है बिटिया ।। नरेंद्र वर्मा|
वर्षा आई बहार आयी,
प्रकृति ने अपनी कृपा बरसाई ।
पेड़ पौधों में हरे भरे रंगों में रंग कर अपनी खुशी दर्शाई ।।
वर्षा आई बहार आयी,
किसानों के लिए लहराती फसल का संकेत लाई ।
प्रेमियों के मन में प्रेम की ज्योत जलाई ।।
वर्षा आई बहार आयी,
मन आनंद से झूम उठा ।
वह प्रफुल्लित हो कर खुशियों से फूल उठा ।।विष्णु
वर्षा आई बहार आयी,
प्रकृति ने अपनी कृपा बरसाई ।
पेड़ पौधों में हरे भरे रंगों में रंग कर अपनी खुशी दर्शाई ।।
वर्षा आई बहार आयी,
किसानों के लिए लहराती फसल का संकेत लाई ।
प्रेमियों के मन में प्रेम की ज्योत जलाई ।।
वर्षा आई बहार आयी,
मन आनंद से झूम उठा ।
वह प्रफुल्लित हो कर खुशियों से फूल उठा ।।दीनदयाल शर्मा|
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