वर्तमान भूत और भविष्य काल से आप क्या समझते हैं
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क्रिया के जिस रूप से यह पता चले की काम अभी हो रहा है, उसे वर्तमान काल कहते हैं। अथार्त क्रिया के जिस रूप से समय का पता चले और क्रिया के होने का वर्तमान समय में पता चले, उसे वर्तमान काल कहते हैं। इसका अर्थ होता है कि दर्शाई गई क्रिया उसी वक़्त में ही रही है। जिन वाक्यों के अंत में ता
, ती, ते, है, हैं आते हैं, वो वर्तमान काल कहलाता है। क्रियाओं के होने की निरन्तरता को वर्तमान काल कहते हैं।
जैसे -
राम अभी-अभी आया है।
वर्षा हो रही है।
मोहन पढ़ रहा है।
पुजारी पूजा कर रहा है
वर्तमान काल के भेद
(i) सामान्य वर्तमान काल
(ii) अपूर्ण वर्तमान काल
(iii) पूर्ण वर्तमान काल
(iv) संदिग्ध वर्तमान काल
(v) तात्कालिक वर्तमान काल
(vi) संभाव्य वर्तमान काल
भूतकाल दो शब्दों के मेल से बना है - भूत + काल। भूत का अर्थ होता है - बीत गया और काल को कहा जाता है - समय अर्थात् जो समय बीत गया हो।
क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का बोध हो या वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के जिस रूप से बीते समय में (भूत) क्रिया का होना पाया जाता है। उसे हम भूतकाल कहते है।
दूसरे शब्दों में - जिस क्रिया से कार्य के समाप्त होने का पता चले उसे भूतकाल कहते हैं। इसकी पहचान वाक्यों के अंत में था, थे, थी आदि से होती है।
उदाहरण के लिए -
(i) रमेश पटना गया था।
(ii) पहले मैं लखनऊ में पढ़ता था।
(iii) राम ने रावण का वध किया था।
भूतकाल के प्रकार
(i) सामान्य भूतकाल
(ii) आसन्न भूतकाल
(iii) पूर्ण भूतकाल
(iv) अपूर्ण भूतकाल
(v) संदिग्ध भूतकाल
(vi) हेतुहेतुमद् भूतकाल
भविष्य में होनेवाली क्रिया को भविष्यतकाल की क्रिया कहते है। क्रिया के जिस रूप से क्रिया के आने वाले समय में पूरा होने का पता चले उसे भविष्य काल कहते हैं। इससे आगे आने वाले समय का पता चलता है। जिन वाक्यों के अंत में गा, गे, गी आदि आते हैं वे भविष्य
दूसरे शब्दो में - क्रिया के जिस रूप से काम का आने वाले समय में करना या होना प्रकट हो, उसे भविष्यतकाल कहते है।
जैसे -
मैं कल विद्यालय जाउँगा।
खाना कुछ देर में बन जायेगा।
राजू देर तक पढ़ेगा।
भविष्य काल के भेद
(i) सामान्य भविष्य काल
(ii) संभाव्य भविष्य काल
(iii) हेतुहेतुमद्भविष्य भविष्य काल