वर्तमान समय में शांति के क्षेत्र में /पर्यावरण संरक्षण में भारत की भूमिका
का महत्त्व' विषय पर अस्सी से सौ शब्दों में निबंध लेखन कीजिए।
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पर्यावरण संरक्षण में भारत की भूमिका
पर्यावरण शब्द का तात्पर्य है चारों तरफ का आवरण यानी वातावरण। पर्यावरण वनस्पतियों, प्राणियों और प्रकृति के अन्य तत्वों को मिलाकर बनाया गया एक भौतिक क्षेत्र है, जिसे हम पर्यावरण कहते हैं। इस पर्यावरण में सभी प्राकृतिक तत्व और जीव-जंतु आते हैं। जैसे कि वायु, जल, हवा, पानी, जमीन, पेड़-पौधे, जीव जंतु आदि।
मानव की महत्वाकांक्षाओं के कारण और विकास की अंधाधुंध चेष्टाओं के कारण पृथ्वी का पर्यावरण निरंतर बिगड़ता रहा है। मनुष्य ने ऐसी अनेक वस्तुओं का उत्पादन कर लिया है जो पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक हैं और जिन का नष्ट होना भी संभव नहीं। ऐसी वस्तुएं और उनके अवशेष पर्यावरण में जहर घोल रहे हैं। अब समय की मांग है कि मानव अपनी महत्वाकांक्षाओं को कम करें अपनी विकास की दौड़ को पर्यावरण की कीमत पर न दौड़े।
भारत संसरा के उन देशों में से है, जहां देश के संविधान में पर्यावरण पर उल्लेख किया गया है और इसके संरक्षण के लिये कानून भी बना गये है। भारत की भूमिका पर्यावरण के संरक्षण में बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। क्योंकि भारत एक पर्यावरण रूप से समृद्ध देश है, जहां अलग-अलग तरह की जलवायु पाई जाती हैं जो मानव जीवन के सर्वाधिक अनुकूल हैं।
भारत जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का विशालतम देश है। ऐसे में भारत ने कई हमेशा पर्यावरण के लिए सजग रहा है। भारत के संविधान में ऐसे अनेक कानून हैं जो पर्यावरण के अलग-अलग बिंदुओं को इंगित करते हुए संबंधित क्षेत्र के पर्यावरण को संरक्षण प्रदान करते हैं। हालांकि पर्यावरण के संबंध में अनेक सख्त कानून होने के बाद भी भारत मैं अभी पर्यावरण के प्रति जागरूकता नहीं आ पाई है और यहां पर पर्यावरण की स्थिति अभी भी काफी गंभीर बनी हुई है।
भारत की सारी नदियां प्रदूषित ही हैं और औद्योगिक कचरे से भरी हुई हैं और तथा ये नदियां अब नाला बनकर रह गई हैं। वनो का कटाव निरंतर होता जा रहा है। इसके प्रयास के फलस्वरूप पर्यावरण में असंतुलन पैदा हो रहा है और कहीं पर सूखा और कहीं पर बाढ़ आ रही है। इसके लिए भारत को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में और अधिक प्रयास करने की जरूरत है।