Hindi, asked by vaishalidubey5088, 11 months ago

वरदन्त की पंगति कुंदकली अधराधर पल्लव लोचन की। चपला चमकै
घन बीच जगै छवि मोतिन माल अमोलन की।।
घुघरारि लटें लटकै मुख ऊपर कुण्डल लाल कपोलन की।
निवछावर प्राण करें 'तुलसी' बलि जाऊँ ललाइन बोलन की।।
46. / इस पद्यांश में कौन-सा रस है ?
(1) वात्सल्य रस
(2) शृंगार रस
(3) शान्त रस
14) करुण रस​

Answers

Answered by mscheck980
4

Answer:

वरदन्त की पंगति कुंदकली अधराधर पल्लव लोचन की।

चपला चमकै  घन बीच जगै छवि मोतिन माल अमोलन की।।

घुघरारि लटें लटकै मुख ऊपर कुण्डल लाल कपोलन की।

निवछावर प्राण करें 'तुलसी' बलि जाऊँ ललाइन बोलन की।।

इस पद्यांश में (4) करुण रस है ?

Explanation:

करुण रस की परिभाषा - जब किसी प्रिय या व्यक्ति के नष्ट हो जाने या मृत्यु हो जाने पर अथवा किसी अप्रिय व्यक्ति या वस्तु को प्राप्त कर लेने से ह्रदय में विद्यमान शोक नामक स्थायी भाव विभाव आदि से परिपक्व होता हैं तब करुण रस की उत्पत्ति होती हैं

उदाहरण -

वरदन्त की पंगति कुंदकली अधराधर पल्लव लोचन की।

चपला चमकै  घन बीच जगै छवि मोतिन माल अमोलन की।।

घुघरारि लटें लटकै मुख ऊपर कुण्डल लाल कपोलन की।

निवछावर प्राण करें 'तुलसी' बलि जाऊँ ललाइन बोलन की।।

इस पद्यांश में करुण रस है ?

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