varsha bahar poem summary in hindi ...... urgent pls fast
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HOLA MATE
ANSWER,:
जब आयी साल की पहली बारिश
गिरी कोख से बादल की, तो आकर मिली जमीन से ,
तालाबों का फिर से जन्म हुआ, भू भाग पानी से समतल हुआ!
खुली नींद तो पेड़-पौधों के बच्चे भी फिर से झूम उठे,
आने लगी खिड़की से खुशबू गर्म पकोड़ों की
जब आयी साल की पहली बारिश
रंग बदला प्रकृति का, आयी मिठास फल फूलों में ,
करें मोर आवाज़ जोर से, देखकर बादल घनघोर ,
फैलाये पंखुड़ी जब निकला एक नन्हा फूल गुलाब का ,
कागज की किस्ती भी चलने लगी पानी पे ज़ोर-ज़ोर से ,
बिना ख्याल कविता लिखने बैठा कवि सब छोड़ के
जब आयी साल की पहली बारिश
निकला मेंढक खोद ज़मीं को, वापस जैसे जन्म हुआ फिर उसका
पंख तले बच्चों को समेटे बैठी चिड़िया पेड़ पे ,
और घोसलों से चूजे झांके सब कुछ नया देख के
महसूस की हमने खशबू मिट्टी की……
जब शीत लहर का झोंका आया ,
गर्म हवा कहीं सो गयी, बदला रुख भी हवाओं का
रंग बिरंगे रंगों वाली छतरी भी घर से निकल पड़ी !
जब आयी साल की पहली बारिश
– रवि यादव
Varsha Bahar poem summary in hindi?