वसंत पर अनेक सुंदर कविताएँ हैं। कुछ कविताओं का संकलन तैयार कीजिए और उनकी सूची बनाइए-
Answers
महके हर कली कली भंवरा मंडराए रे देखो सजनवा वसंत ऋतु आये रे नैनो में सपने सजे मन मुस्काए झरने की कल कल गीत कोई गाये खेतों में सरसों पीली धरती को सजाये रे देखो सजनवा वसंत ऋतु आये रे.......... ठण्ड की मार से सूखी हुई धरा को प्रकृति माँ हरियाला आँचल उड़ाए खिली है डाली डाली खिली हर कोंपल प्रेम का राग कोई वसुंधरा सुनाये रे देखो सजनवा वसंत ऋतु आये रे....... मन में उमंगें जगी होली के रंगों संग प्यार के रंग में जिया रँगा जाए उपवन में बैठी पिया तुझे ही निहारूं मैं वसंती पवन मेरा ह्रदय जलाये रे देखो सजनवा वसंत ऋतु आये रे................
Answer:
मानव जीवन में जिस प्रकार यौवन का आगमन होता है, ठीक उसी तरह ही बसंत ऋतु का भी हमारी प्रकृति में यौवन है। बसंत ऋतु को सभी ऋतुओं का राजा भी कहा जाता है। सर्दियों का प्रस्थान, दिन का दोगुना होना, सुहानी धूप का अधिक होना हमेशा ही सबको आकर्षित करता रहा है।
बसंत ऋतु काव्य प्रेमियों की हमेशा से ही प्रिय रही है। इस ऋतु के आगमन पर प्रकृति में पुराने पतों की जगह नये पते ले लेते हैं और पूरे वातावरण में सिर्फ रंग बिरंगे फूल ही नजर आने लगते हैं। सभी और लहराती फसलें सबको अपनी ओर लुभाने लगती है।
Explanation:
वसंत ऋतु बहुत प्रभावशाली होती है: जब यह आती है, तो प्रकृति में सब कुछ जाग्रत कर देती हैं; जैसे- यह पेड़, पौधे, घास, फूल, फसलें, पशु, मनुष्य और अन्य जीवित वस्तुओं को सर्दी के मौसम की लम्बी नींद से जगाती है। मनुष्य नए और हल्के कपड़े पहनते हैं, पेड़ों पर नई पत्तियाँ और शाखाएं आती है और फूल तरोताजा और रंगीन हो जाते हैं.