वस्त्र की खरीदारी करते समय किन-किन बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए? विस्तार से समझाइये।
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Answer:
वस्त्र की खरीदी करते समय हमें हमेशा अच्छा कपड़ा देखकर खरीदना चाहिए
वस्त्र की खरीदी करते समय हमें देखना चाहिए कि वह कपड़ा साफ सुथरा हो
वस्त्र की खरीदी करते समय हमें देखना चाहिए कि वह कपड़ा कहीं से फटा ना हो
Answer:
hii
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Explanation:
वस्त्र की खरीदारी करते समय अग्रलिखित बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए –
(1) वस्त्र ऋतु एवं स्थानीय गर्मी – सर्दी के अनुकूल हो:
कपड़ा ऐसा हो जो शरीर को ग्रीष्मकाल में बाहर की गर्मी तथा शीतकाल में बाहर की सर्दी से बचा सके। अत: ग्रीष्म में सूती और शीत ऋतु में ऊनी कपड़ा उपयुक्त रहता है। गर्मी के दिनों में हल्के वस्त्र आरामदायक लगते हैं और शीतकाल में गहरे रंगों के।
(2) व्यक्ति व वस्त्र विशेष के लिए कपड़े का प्रकार, रंग और छपाई का उपयुक्त नमूना चुनना:
पुरुषों, स्त्रियों व बालकों के वस्त्रों के रंगों, डिजाइनों तथा बुनाई में भिन्नता होती है। कपड़े का रेशा, रंग, बनावट तथा डिजाइन पहनने वाले व्यक्तियों की आयु, लिंग एवं व्यवसाय तथा व्यक्तिगत रुचि की दृष्टि से उपयुक्त होना चाहिए।
(3) वस्त्र सिकुड़न रहित हो:
कभी – कभी कोई वस्त्र देखने में सुन्दर लगता है और बिना सोचे-समझे खरीद लिया जाता है। परन्तु उनसे बना वस्त्र पहली धुलाई में ही सिकुड़ जाता है और पहनने के लिए अनुपयुक्त हो जाता है। अत: छानबीन करके ही वस्त्र खरीदना सिलाई से पूर्व कपड़े को कुछ घण्टे भिगो लेना चाहिए।
(4) वस्त्र का रंग पक्का हो:
वस्त्रों के गुणों में उसका पक्का रंग ही निहित है। वस्त्र का रंग पक्का होना चाहिए। कच्चे रंग का वस्त्र पहली धुलाई में ही बिगड़ जाता है और पहनने योग्य नहीं रहता।
(5) कपड़ा क्रीज मुक्त हो:
यदि वस्त्र में क्रीज पड़ती हो, तो उसे धोने के बाद सदैव लोहा प्रेस करना पड़ता है। इसलिए क्रीज-युक्त (Crease-resistant) वस्त्र ही खरीदना चाहिए।
(6) वस्त्र टिकाऊ हो:
वस्त्र का टिकाऊपन भी उसका महत्त्वपूर्ण गुण है। वस्त्र पक्का हो, धुलाई में उसका रूप-रंग न बिगड़े, तो उससे बनी पोशाक दीर्घकाल तक चलती है।
(7) आर्थिक क्षमता के अनुकूल हो:
वस्त्र खरीदने में सूझ – बूझ की आवश्यकता है, क्योंकि न तो आर्थिक क्षमता से बाहर जाना और न ही घटिया वस्त्र खरीदना उचित है, कभी-कभी शीत ऋतु की समाप्ति पर ऊनी कपड़ा सस्ता मिल जाता है। उस समय उसे खरीदना बुद्धिमानी है। क्रय करने से पहले विभिन्न प्रकार के कपड़ों के दामों व गुणों की जाँच कर लेनी चाहिए।
(8) सफाई में सरलता:
प्रतिदिन धोये जाने वाले वस्त्र टिकाऊ किस्म के होने चाहिए, विधिपूर्वक धोने से कपड़े अधिक सुन्दर और सुरक्षित रहते हैं। अतः वस्त्र ऐसे खरीदने चाहिए जिनकी सफाई सरलता से की जा सके।
(9) फैशन के अनुकूल:
वस्त्र – चयन परमावश्यक बन गया है। फैशन बदला कि बच्चों ने पुराने वस्त्रों को छिपाकर रख दिया। आजकल जीन्स और टॉप पहनना ही सर्वोत्तम समझा जाने लगा है।
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