Hindi, asked by tarunaryan19, 1 year ago

वसंत ऋतु पर हिंदी कविता​

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Answered by philominajoseph
8

आ गया बसंत है, छा गया बसंत है

खेल रही गौरैया सरसों की बाल से

मधुमाती गन्ध उठी अमवा की डाल से

अमृतरस घोल रही झुरमुट से बोल रही

बोल रही कोयलिया ...

आ गया बसंत है, छा गया बसंत है

नया-नया रंग लिए आ गया मधुमास है

आंखों से दूर है जो वह दिल के पास है

फिर से जमुना तट पर कुंज में पनघट पर

खेल रहा छलिया ...

आ गया बसंत है छा गया बसंत है

मस्ती का रंग भरा मौज भरा मौसम है

फूलों की दुनिया है गीतों का आलम है

आंखों में प्यार भरे स्नेहिल उदगार लिए

राधा की मचल रही पायलिया ...

आ गया बसन्त है छा गया बसंन्त है

– कंचन पाण्डेय

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