Vasant Ritu par nibandh
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बसंत ऋतु' को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। इस ऋतु में प्रकृति अपना अपूर्व सौंदर्य दर्शाती है। यह ऋतु शरद ऋतु के पश्चात आती है। इस ऋतु को मधुरितु, ऋतुराज और कुसुमाकर के नाम से भी जाना जाता है। यह ऋतु सब ऋतुओं से सुंदर, सुहावन, आकर्षक एवं मनमोहक होती है।
बसंत ऋतु के आते ही प्रकृति का कण-कण मानो प्रसन्नता से खिल उठता है। चारों तरफ व्याप्त हरियाली, फूलों से लदे पेड़-पौधे, सुंगध से युक्त वातावरण मन में प्रसन्नता भर देता है। बसंत ऋतु सदैव ही कवियों की प्रिय ऋतु रही है। बसंत ऋतु में सूखे पत्ते झड़ जाते हैं और नए पत्ते आने लगते हैं। चारों ओर रंग-बिरंगे फूल ही फूल दिखाई देते हैं। खेतों में नई फसलें पक जाती हैं। सरसों, राई और गेहूँ के खेत मन को लुभाने लगते हैं, जिन्हें देखकर किसान गदगद हो उठता है।
'बसंत पंचमी' बसंत के आगमन का ही त्यौहार है। इस दिन लोग ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा करते हैं। लोग पीले रंग के वस्त्र धारण कर अपने जीवन को देवी के आशीर्वाद से परिपूर्ण कर लेते हैं।
बसंत ऋतु के आते ही प्रकृति का कण-कण मानो प्रसन्नता से खिल उठता है। चारों तरफ व्याप्त हरियाली, फूलों से लदे पेड़-पौधे, सुंगध से युक्त वातावरण मन में प्रसन्नता भर देता है। बसंत ऋतु सदैव ही कवियों की प्रिय ऋतु रही है। बसंत ऋतु में सूखे पत्ते झड़ जाते हैं और नए पत्ते आने लगते हैं। चारों ओर रंग-बिरंगे फूल ही फूल दिखाई देते हैं। खेतों में नई फसलें पक जाती हैं। सरसों, राई और गेहूँ के खेत मन को लुभाने लगते हैं, जिन्हें देखकर किसान गदगद हो उठता है।
'बसंत पंचमी' बसंत के आगमन का ही त्यौहार है। इस दिन लोग ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा करते हैं। लोग पीले रंग के वस्त्र धारण कर अपने जीवन को देवी के आशीर्वाद से परिपूर्ण कर लेते हैं।
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Explanation:
वसन्त ऋतु वर्ष की एक ऋतु है जिसमें वातावरण का तापमान प्रायः सुखद रहता है। भारत में यह फरवरी से मार्च तक होती है। अन्य देशों में यह अलग समयों पर हो सकती है। इस ऋतु की विशेष्ता है मौसम का गरम होना, फूलो का खिलना, पौधो का हरा भरा होना और बर्फ का पिघलना।
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