Vedic Samaj ke baare me Hindi me Bataye
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विश्व की समस्त प्राची सभ्यताओं से सहस्रों वर्ष पूर्व, इस पावन भारतभूति पर मन्त्रद्रष्टा ऋषियों ने वैदिक ज्ञान का साक्षात्कार किया। प्राणिमात्र के कल्याण का सन्देश देने वाली यह वैदिक संस्कृति साक्षात्कार ऋषियों की धरोहर है।वे ऋषि इनके अधिक निर्मल अन्तःकरण वाले थे कि किसी स्थान या जाति विशेष के प्रति उनका कोई पक्षपात अथवा पूर्वाग्रह नहीं था। इस कारण उनके द्वारा प्रत्यक्ष किया गया कि सत्य युगीन न होकर शाश्वत है। वे मित्र और ‘शत्रु दानों से अभय की अपेक्षा रखते थे। किसी भी सुखद स्थिति के निर्माण के लिये भय का अभाव आवश्यक है। भार न होने पर ही हम मित्र हो सकते हैं और सभी को मित्र की दृष्टि से देख सकते हैं तथा कल्याण की भावना से ओतप्रोत हो सकते हैं। यही कल्याण की भावना हमें एक दूसरे से जोडती है।
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