veer kavita ka arth line by line by ramdhari Singh dinkar....
Answers
Answered by
51
वीर
"वीर" रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखी गई एक सुन्दर कविता है। इस कविता में कवि रामधारी सिंह दिनकर जी ने वर्णन किया है कि किस प्रकार विपत्ति में वीर पुरुष साहस से काम लेते हैं और कभी हिम्मत नहीं हारते। वह लगातार कोशिस करते रहते हैं। वीर बड़ी से बड़ी विपत्ति का सामना डट कर करते हैं। वह कायरों की तरह विपत्तियों से पीछे नहीं हटते। वह अपनी मंज़िल को प्राप्त करने के लिए कुछ भी कर गुजरते हैं। वीर कभी भी मुश्किलों से हारते नहीं बल्कि मुश्किलों को हराते है। कवि का कहना है कि विपत्तियों का सामना करो तभी तुम उनको हरा पाओगे क्यूँकि बिन खुद जले कभी उजाला नहीं किया जा सकता।
Answered by
0
Explanation:
kham thonk thelta hai jab nar parvat k jate panv ukhad, manav jab jor lagata hai patthar pani ban jatahai
Similar questions