Vegetarian paryavaran ke liye tel bachat essay in Hindi 500 to700 words
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पर्यावरण प्रदूषण हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे की सामाजिक, शारीरिक, आर्थिक, भावनात्मक और बौद्धिक को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। पर्यावरण का दूषितकरण कई रोगों को लाता है जिससे इंसान पूरी जिंदगी पीड़ित हो सकता है। यह किसी समुदाय या शहर की समस्या नहीं है, बल्कि ये पुरे दुनिया की समस्या है जो की किसी एक के प्रयास से खत्म नहीं हो सकता। अगर इसका ठीक से निवारण नहीं हुआ तो ये एक दिन जीवन का अस्तित्व खत्म कर सकता है। हर आम नागरिक को सरकार द्वारा शुरू की गयी पर्यावरण सुरक्षा कार्यक्रम में भाग लेना चाहिए।
हमें हमारे पर्यावरण को स्वस्थ्य और प्रदुषण से दूर रखने के लिए अपने स्वार्थ और गलतियों को सुधारना होगा। यह विश्वास करना मुश्किल है, लेकिन सच है की हर किसी द्वारा केवल एक छोटे से सकारात्मक आंदोलनों की वजह से बिगड़ते पर्यावरण में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। वायु और जल प्रदूषण विभिन्न बीमारियों और विकारों द्वारा हमारे स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहे हैं। आज कल हम किसी भी चीज को सेहतमंद नहीं कह सकते क्योकि जो हम खाते है वो पहले से ही कृत्रिम उर्वरकों के दुष्प्रभाव से प्रभावित हो चूका है और हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की छमता को कमजोर कर दिया है| यही कारण है कि हम में से कोई भी स्वस्थ और खुश रहने के बावजूद कभी भी रोगग्रस्त हो सकता है।
अतः यह दुनिया भर के लिए गंभीर मुद्दा है जो हर किसी के निरंतर प्रयासों से हल होना चाहिए। हमें विश्व पर्यावरण दिवस में भाग लेना चाहिए ताकि हम सक्रिय रूप से पर्यावरण सुरक्षा कार्यो में भाग ले सके|
पर्यावरण निबंध 6 (500 शब्द)
वो सभी प्राकृतिक चीजें जो पृथ्वी पर जीवन संभव बनाती है पर्यावरण के अंतरगर्त आती है जैसे की जल, वायु, सूर्य के प्रकाश, भूमि, अग्नि, वन, पशु, पौंधें, इत्यादि| ऐसा माना जाता है की केवल पृथ्वी ही पुरे ब्रह्माण्ड में एक मात्र ऐसा गृह है जहा जीवन के अस्तित्व के लिए आवश्यक पर्यावरण है| पर्यावरण के बिना यहाँ हम जीवन का अनुमान नहीं लगा सकते इसीलिए हमें भविष्य में जीवन की संभावना सुनिश्चित करने के लिए अपने पर्यावरण को स्वस्थ्य और सुरछित रखना चाहिए| यह पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है| हर किसी को आगे आना चाहिए और पर्यावरण की सुरक्षा के अभियान में शामिल होना चाहिए।
प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए पर्यावरण और जीवित चीजो के बीच नियमित रूप से विभिन्न चक्र घटित होते रहते है। हालांकि, अगर किसी भी कारण से ये चक्र बिगड़ जाते हैं तो प्रकृति का भी संतुलन बिगड़ जाता है जो की अंततः मानव जीवन को प्रभावित करता है। हमारा पर्यावरण हजारो वर्षो से हमें और अन्य प्रकार के जीवो को धरती पर बढ़ने, विकसित होने और पनपने में मदद कर रहा है। मनुष्य पृथ्वी पर प्रकृति द्वारा बनाई गई सबसे बुद्धिमान प्राणी के रूप में माना जाता है इसीलिए उनमे ब्रह्मांड के बारे में पता करने की उत्सुकता बहोत ज्यादा है जोकि उन्हें तकनीकी उन्नति की दिशा में ले जाता है।
हर व्यक्ति के जीवन में इस प्रकार की तकनीकी उन्नति दिन-ब-दिन पृथ्वी पर जीवन के संभावनाओं को खतरे में डाल रहा है क्योकि हमारा पर्यावरण धीरे-धीरे नष्ट हो रहा है| ऐसा लगता है की ये एक दिन जीवन के लिए बहोत हानिकारक हो जाएगी क्योकि प्राकृतिक हवा, मिट्टी और पानी प्रदूषित होते जा रहे हैं| हालाँकि यह इंसान, पशु, पौधे और अन्य जीवित चीजों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। हानिकारक रसायनों के उपयोग द्वारा कृत्रिम रूप से तैयार उर्वरक जो की मिट्टी को खराब कर रहे हैं परोक्ष रूप से हमारे दैनिक खाना खाने के माध्यम से हमारे शरीर में एकत्र हो रहे हैं। औद्योगिक कंपनियों से उत्पन्न हानिकारक धुँआ दैनिक आधार पर प्राकृतिक हवा को प्रदूषित कर रहे हैं जो की काफी हद तक हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं क्योकि इसे हम हर पल साँस लेते हैं|
इस व्यस्त, भीड़ और उन्नत जीवन में हमे दैनिक आधार पर छोटी छोटी बुरी आदतों का ख्याल रखना चाहिए। यह सत्य है की हर किसी के छोटे से छोटे प्रयास से हम हमारे बिगड़ते पर्यावरण की दिशा में एक बड़ा सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। हम हमारे स्वार्थ के लिए और हमारे विनाशकारी इच्छाओं को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का गलत उपयोग नहीं करना चाहिए। हम हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास करना चाहिए लेकिन हमेशा यह सुनिश्चित रहे की भविष्य में हमारे पर्यावरण को इससे कोई नुकसान न हो। हमें सुनिश्चित होना चाहिए की नई तकनीक हमारे पारिस्थितिकी संतुलन को कभी गड़बड़ न करे|
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अतः यह दुनिया भर के लिए गंभीर मुद्दा है जो हर किसी के निरंतर प्रयासों से हल होना चाहिए। हमें विश्व पर्यावरण दिवस में भाग लेना चाहिए ताकि हम सक्रिय रूप से पर्यावरण सुरक्षा कार्यो में भाग ले सके|
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वो सभी प्राकृतिक चीजें जो पृथ्वी पर जीवन संभव बनाती है पर्यावरण के अंतरगर्त आती है जैसे की जल, वायु, सूर्य के प्रकाश, भूमि, अग्नि, वन, पशु, पौंधें, इत्यादि| ऐसा माना जाता है की केवल पृथ्वी ही पुरे ब्रह्माण्ड में एक मात्र ऐसा गृह है जहा जीवन के अस्तित्व के लिए आवश्यक पर्यावरण है| पर्यावरण के बिना यहाँ हम जीवन का अनुमान नहीं लगा सकते इसीलिए हमें भविष्य में जीवन की संभावना सुनिश्चित करने के लिए अपने पर्यावरण को स्वस्थ्य और सुरछित रखना चाहिए| यह पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है| हर किसी को आगे आना चाहिए और पर्यावरण की सुरक्षा के अभियान में शामिल होना चाहिए।
प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए पर्यावरण और जीवित चीजो के बीच नियमित रूप से विभिन्न चक्र घटित होते रहते है। हालांकि, अगर किसी भी कारण से ये चक्र बिगड़ जाते हैं तो प्रकृति का भी संतुलन बिगड़ जाता है जो की अंततः मानव जीवन को प्रभावित करता है। हमारा पर्यावरण हजारो वर्षो से हमें और अन्य प्रकार के जीवो को धरती पर बढ़ने, विकसित होने और पनपने में मदद कर रहा है। मनुष्य पृथ्वी पर प्रकृति द्वारा बनाई गई सबसे बुद्धिमान प्राणी के रूप में माना जाता है इसीलिए उनमे ब्रह्मांड के बारे में पता करने की उत्सुकता बहोत ज्यादा है जोकि उन्हें तकनीकी उन्नति की दिशा में ले जाता है।
हर व्यक्ति के जीवन में इस प्रकार की तकनीकी उन्नति दिन-ब-दिन पृथ्वी पर जीवन के संभावनाओं को खतरे में डाल रहा है क्योकि हमारा पर्यावरण धीरे-धीरे नष्ट हो रहा है| ऐसा लगता है की ये एक दिन जीवन के लिए बहोत हानिकारक हो जाएगी क्योकि प्राकृतिक हवा, मिट्टी और पानी प्रदूषित होते जा रहे हैं| हालाँकि यह इंसान, पशु, पौधे और अन्य जीवित चीजों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। हानिकारक रसायनों के उपयोग द्वारा कृत्रिम रूप से तैयार उर्वरक जो की मिट्टी को खराब कर रहे हैं परोक्ष रूप से हमारे दैनिक खाना खाने के माध्यम से हमारे शरीर में एकत्र हो रहे हैं। औद्योगिक कंपनियों से उत्पन्न हानिकारक धुँआ दैनिक आधार पर प्राकृतिक हवा को प्रदूषित कर रहे हैं जो की काफी हद तक हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं क्योकि इसे हम हर पल साँस लेते हैं|
इस व्यस्त, भीड़ और उन्नत जीवन में हमे दैनिक आधार पर छोटी छोटी बुरी आदतों का ख्याल रखना चाहिए। यह सत्य है की हर किसी के छोटे से छोटे प्रयास से हम हमारे बिगड़ते पर्यावरण की दिशा में एक बड़ा सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। हम हमारे स्वार्थ के लिए और हमारे विनाशकारी इच्छाओं को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का गलत उपयोग नहीं करना चाहिए। हम हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास करना चाहिए लेकिन हमेशा यह सुनिश्चित रहे की भविष्य में हमारे पर्यावरण को इससे कोई नुकसान न हो। हमें सुनिश्चित होना चाहिए की नई तकनीक हमारे पारिस्थितिकी संतुलन को कभी गड़बड़ न करे|
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