videshi chodo swadeshi apnao essay
Answers
विदेशी मुद्रा जोखिम वहाँ खतरे हैं कि मुद्रा विनिमय दर में अचानक बड़े बदलाव आएंगे। यदि पेसो मूल्य में पड़ता है तो इससे आपकी पीड़ा को नुकसान हो सकता है हालांकि, मुद्रा में उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम करने के लिए आपके विदेशी मुद्रा जोखिमों को हेजिंग के कई तरीके हैं।
चोरी का जोखिम यहां तक कि दुर्लभ भी, इस संभावना पर विचार किया जाना चाहिए।
राजनीतिक जोखिम। कई परिदृश्य हैं जहां यह एक बाधा हो सकती है उदाहरण के लिए, हमारी सरकार अचानक आपके द्वारा आयात किए जा रहे सामान पर कठोर टैरिफ लागू कर सकती है इससे आपकी लागत अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाएगी सबसे बुरी स्थिति यह है कि अगर हमारे देश और विदेशी राज्य के बीच शत्रुता है यह आपको उनके साथ व्यवसाय करने से रोक सकता है।
कानूनी जोखिम यह समस्या दोनों तरीकों से चलती है आपके देश में कानूनी या स्वीकार्य क्या हो सकता है विदेशी देश में आपराधिक या सिविल अपराध हो सकता है। आपको मार्गदर्शन करने के लिए उस देश में किसी को जानकार होना उचित है।
सांस्कृतिक जोखिम सभी प्रकार की गलतफहमी के कारण विश्वास और प्रथाओं में अंतर हो सकता है। देश की संस्कृति और प्रथाओं पर क्रैश कोर्स करके, इसे समाप्त नहीं किया जा सकता, हालांकि इसे समाप्त नहीं किया जा सकता है
विदेशी भगाओ स्वदेशी अपनाओ।
Explanation:
भारत का निवासी होने के नाते हम लोगों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया था। विदेशी वस्त्रों और उत्पादों का बहिष्कार करने का एक प्रमुख कारण देश के घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना और देश की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करना था। विदेशी वस्त्रों और उत्पादों का भारत के विभिन्न राजनेताओं ने समय-समय पर विरोध किया है ।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय महात्मा गांधी जी ने भी एक नारा जोरों से दिया विदेशी भगाओ स्वदेशी अपनाओ। इस नारे का अर्थ यह था कि विदेश में बन रहे उत्पादों का प्रयोग कम कर देश के घरेलू उद्योगों में बने पदार्थों का अधिक उपयोग कर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाओ।
आधुनिक युग में हम सभी लोग समाज में अपने महत्व को सताने के लिए एक से एक महंगे वस्त्र पहनते हैं जिनमें से लगभग 80% वस्त्र विदेशी होते हैं। लेकिन इन वस्त्रों के अधिक उपयोग से हम अपने देशी भाइयों के रोजगार को छीन रहे हैं और अपनी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने में योगदान दे रहे हैं।
हम लोगों को विदेशी उत्पादों का बहिष्कार कर देसी वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए क्योंकि इससे ना केवल हमारे देसी भाइयों का कारोबार बढ़ेगा बल्कि इससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। विदेशी भगाओ स्वदेशी अपनाओ भारत वे बने उत्पादों का प्रसार होगा जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और हमारा देश विकास की ओर अग्रसर होगा।
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