Vidhyalaya vardi kyo jaroori hai.please answer me in 100 words essay.
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devmunjal11:
If u know the answer please tell me.
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'शिक्षा' शब्द का अर्थ है अध्ययन तथा ज्ञान ग्रहण करना। वर्तमान युग में शिक्षण के लिए ज्ञान, विद्या, एजूकेशन आदि अनेक पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग होता है। शिक्षा चेतन या अचेतन रूप से मनुष्य की रूचियों समताओं, योग्यताओं और सामाजिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए, आवश्यकता के अनुसार स्वतंत्रता देकर उसका सर्वागींण विकास करती है। शिक्षा हमारे सोचने, रहने और जीने के ढंग को बदलने में सहायता करती है। यह विद्या हमें विद्यालय से प्राप्त होती है। विद्यालय का इसमें मुख्य स्थान है। विद्यालय की शिक्षा बच्चे के लिए बहुत आवश्यक है। यही से उसकी की आरंभिक शिक्षा होती है। अतः इसका बहुत महत्व होता है। इनके द्वारा ही बच्चे को बुनियादी शिक्षा दी जाती है। इससे ही उसके भविष्य की नींव डलती है। प्राथमिक शिक्षा का स्तर जितना अच्छा होगा बच्चे की बौद्धिक क्षमता का उतना ही विकास होगा। उसका चरित्र निर्माण भी विद्यालय की छत्र-छाया में होता है। बच्चा अपने माता-पिता की छांव से निकलकर विद्यालय के वातावरण में आता है। अतः यहाँ प्राप्त शिक्षा उसे ज्ञान को पाने का पथ निर्धारित करती है। उसे नीति से युक्त बातें सिखाई जाती हैं तथा उसके चरित्र को संवारने का काम किया जाता है। विद्यालय में जितना अनुशासन का महत्व होगा, विद्यार्थी के चरित्र में उतनी ही दृढ़ता आएगी।...........................
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