Hindi, asked by shrishtimishra, 11 months ago

Vidyalay varshik Utsav par report​

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Answered by kapil19jun01
20

Answer:

प्रस्तावना- हमारा विद्यालय एक आदर्श विद्यालय है। इसमें पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद को भी महत्व दिया जाता है। छात्रों के चहुँमुखी विकास के लिए विद्यालय में कई प्रकार के कार्यक्रम किए जाते हैं। छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करने के लिए सारे विद्यालय के छात्र-छात्राओं को चार सदनों में विभाजित कर रखा है। सदनीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में विजयी छात्र-छात्राओं को वार्षिकोत्सव के अवसर पर पुरस्कार दिए जाते हैं।Short Essay on Vidyalaya ka Varshikmahotsav

वार्षिकोत्सव की तैयारी- हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव हर वर्ष दिसम्बर में होता है। इस वर्ष भी इसे दिसम्बर में करने का निश्चय किया गया। वार्षिकोत्सव की तैयारी दो तीन सप्ताह पहले से ही होने लगती है। प्रत्येक अध्यापक और छात्र वार्षिकोत्सव के लिए किसी न किसी कार्यक्रम में भाग लेता दिखाई देता है।

वार्षिकोत्सव का आरम्भ- प्रति वर्ष की भाँति इस वर्ष भी वार्षिकोत्सव समारोह का आयोजन विद्यालय के विशाल प्रांगण में किया गया। विद्यालय के प्रांगण में एक ओर एक भव्य मंच बनाया गया और उसके सामने दर्शकों के बैठने के लिए सैंकड़ों कुर्सियाँ लगा दी गईं।

लगभग 5 बजे सायं सभी अभिभावक और आमन्त्रित व्यक्ति वार्षिकोत्सव के लिए तैयार मंडप में आने लगे। देखते ही देखते मंडप में सैंकड़ों कुर्सियाँ भर गईं। कुछ लोगों को बैठने के लिए स्थान नहीं मिल पाया। अतएव खड़े होकर कार्यक्रम की प्रतीक्षा करने लगे। ठीक साढ़े पाँच बजे एक गाड़ी विद्यालय से सजे सजाए द्वार पर आकर रूकी। इस गाड़ी में मुख्य अतिथि महोदय थे। प्रधानाचार्य महोदय ने उनका स्वागत उन्हें पुष्प माला पहना कर किया। मुख्य अतिथि महोदय को वार्षिकोत्सव के लिए बनाए गए मंच पर ले जाया गया। वहाँ छात्रों अध्यापकों और दर्शकों ने तालियाँ बजाकर उनका स्वागत किया।


shrishtimishra: thanks
shrishtimishra: thank you so much
shrishtimishra: bhaiii
kapil19jun01: koi ni yrrr
kapil19jun01: sis
Answered by RDEEP90
13

प्रस्तावना- हमारा विद्यालय एक आदर्श विद्यालय है। इसमें पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद को भी महत्व दिया जाता है। छात्रों के चहुँमुखी विकास के लिए विद्यालय में कई प्रकार के कार्यक्रम किए जाते हैं। छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करने के लिए सारे विद्यालय के छात्र-छात्राओं को चार सदनों में विभाजित कर रखा है। सदनीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में विजयी छात्र-छात्राओं को वार्षिकोत्सव के अवसर पर पुरस्कार दिए जाते हैं।Short Essay on Vidyalaya ka Varshikmahotsav

वार्षिकोत्सव की तैयारी- हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव हर वर्ष दिसम्बर में होता है। इस वर्ष भी इसे दिसम्बर में करने का निश्चय किया गया। वार्षिकोत्सव की तैयारी दो तीन सप्ताह पहले से ही होने लगती है। प्रत्येक अध्यापक और छात्र वार्षिकोत्सव के लिए किसी न किसी कार्यक्रम में भाग लेता दिखाई देता है।

वार्षिकोत्सव का आरम्भ- प्रति वर्ष की भाँति इस वर्ष भी वार्षिकोत्सव समारोह का आयोजन विद्यालय के विशाल प्रांगण में किया गया। विद्यालय के प्रांगण में एक ओर एक भव्य मंच बनाया गया और उसके सामने दर्शकों के बैठने के लिए सैंकड़ों कुर्सियाँ लगा दी गईं।

लगभग 5 बजे सायं सभी अभिभावक और आमन्त्रित व्यक्ति वार्षिकोत्सव के लिए तैयार मंडप में आने लगे। देखते ही देखते मंडप में सैंकड़ों कुर्सियाँ भर गईं। कुछ लोगों को बैठने के लिए स्थान नहीं मिल पाया। अतएव खड़े होकर कार्यक्रम की प्रतीक्षा करने लगे। ठीक साढ़े पाँच बजे एक गाड़ी विद्यालय से सजे सजाए द्वार पर आकर रूकी। इस गाड़ी में मुख्य अतिथि महोदय थे। प्रधानाचार्य महोदय ने उनका स्वागत उन्हें पुष्प माला पहना कर किया। मुख्य अतिथि महोदय को वार्षिकोत्सव के लिए बनाए गए मंच पर ले जाया गया। वहाँ छात्रों अध्यापकों और दर्शकों ने तालियाँ बजाकर उनका स्वागत किया।

कार्यक्रम का आरम्भ- कार्यक्रम का आरम्भ सरस्वती की आराधना के साथ किया गया। इसके पश्चात छात्रों ने मुख्य अतिथि महोदय का स्वागत किया। प्रधानाचार्य महोदय ने विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट पढ़कर सुनाई। इस रिपोर्ट में विद्यालय के कार्यक्रमों और उपलब्धियों का सुन्दर वर्णन था। इस अवसर पर प्राथमिक कक्षाओं के नन्हें मुन्नों ने भी कई आकर्षक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। उसके बाद ‘संस्कार और भावना’ नामक एकांकी का सफल अभिनय हमारे विद्यालय के छात्रों ने किया। इसके बाद कवि दरबार का आयोजन किया गया। इसमें छात्र/छात्राओं ने विभिन्न कवियों और कवयित्रियों की रचनाओं का सस्वर पाठ किया। यह कार्यक्रम भी बहुत आकर्षक रहा। कार्यक्रम की समाप्ति से पहले पुरस्कार वितरण किया गया। मुख्य अतिथि महोदय ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी घोषित छात्र/छात्राओं को पुरस्कार दिए। आए हुए अतिथियों ने पुरस्कृत विद्यार्थियों का तालियाँ बजाकर स्वागत किया।

मुख्य अतिथि द्वारा सराहना- कार्यक्रम की समाप्ति से पहले मुख्य अतिथि ने विद्यालय की बहुत शंसा की। उन्होंने छात्रों से परिश्रमपूर्वक अपना कार्य करने को कहा। साथ ही उन्होंने विद्यालय के विकास के लिए यथासंभव सहायता देने का भी वचन दिया।

कार्यक्रम की समाप्ति- वार्षिकोत्सव के कार्यक्रम के अन्त में भांगड़ा नृत्य प्रस्तुत किया गया। यह नृत्य भी बहुत ही आकर्षक था। सभी दर्शकों ने तालियाँ बजाकर इस कार्यक्रम की सराहना की। अन्त में प्रधानाचार्य महोदय ने सभी उपस्थित दर्शकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने मुख्य अतिथि महोदय को विशेष रूप से धन्यवाद दिया क्योंकि व्यस्त होते हुए भी उन्होंने यहाँ आकर वार्षिकोत्सव की शोभा बढ़ाई थी और छात्रों का उत्साह बढ़ाया था। राष्ट्र गीत के गायन के पश्चात यह कार्यक्रम समाप्त घोषित कर दिया गया।


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