vidyalaya ke varshik khel kud samaroh ke vishaya mein batate hue apne dada ji ko patra likhiye
Answers
Answer:
विद्यालय वार्षिक खेल-कूद के विषय में मित्र को पत्र!
कानपुर
30 अक्टूबर 2018
प्रिय मित्र,
हार्दिक प्यार ।
मैं सकुशल हूँ । तुम्हारी कुशलता की आशा है । बहुत दिनों से मैं तुम्हें पत्र नहीं लिख सका, इसका मुझे अफसोस है । वास्तव में पिछले दिनों मैं अपने विद्यालय के वार्षिक खेल- कूद की तैयारियों में जुटा था ।
इस बार का वार्षिक खेल-कूद पिछले वर्षों से कुछ अलग प्रकार का रहा । इस अवसर पर स्वयं राज्यपाल महोदय हमारे विद्यालय में पधारे थे । तुम्हें यह जानकर प्रसन्नता होगी कि उनके हाथों मुझे पिछले वर्ष के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार प्रदान किया गया ।
क्रिकेट पश्चात् खो-खो और कई खेल प्रस्तुत किये गए जिनके लिए हमने शिक्षकों की देखरेख में बड़ी मेहनत की थी । इन सब खेलो ने विद्यार्थियों के अभिभावकों तथा दर्शक छात्र-छात्राओं का मन मोह लिया । राज्यपाल महोदय ने भी प्रभावित होकर इस विद्यालय के विद्यार्थियों की प्रशंसा की ।
यह मेरे जीवन का पहला अवसर था जब किसी महान व्यक्ति ने मेरी इतनी प्रशंसा की । लेकिन इन सबके बीच तुम्हारी कमी हमेशा मेरे मन में खटकती रही । यदि तुम साथ होते, तो मेरी खुशी और अधिक बढ़ जाती । आशा करता हूँ अगली बार के वार्षिक खेल-कूद देखने जरूर आओगे ।
चाचाजी और चाचीजी को मेरा नमस्ते कहना ।
तुम्हारा प्रिय मित्र
'ग'
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Explanation:
विद्यालय वार्षिक खेल-कूद के विषय में मित्र को पत्र!
कानपुर
30 अक्टूबर 2018
प्रिय मित्र,
हार्दिक प्यार ।
मैं सकुशल हूँ । तुम्हारी कुशलता की आशा है । बहुत दिनों से मैं तुम्हें पत्र नहीं लिख सका, इसका मुझे अफसोस है । वास्तव में पिछले दिनों मैं अपने विद्यालय के वार्षिक खेल- कूद की तैयारियों में जुटा था ।
इस बार का वार्षिक खेल-कूद पिछले वर्षों से कुछ अलग प्रकार का रहा । इस अवसर पर स्वयं राज्यपाल महोदय हमारे विद्यालय में पधारे थे । तुम्हें यह जानकर प्रसन्नता होगी कि उनके हाथों मुझे पिछले वर्ष के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार प्रदान किया गया ।
क्रिकेट पश्चात् खो-खो और कई खेल प्रस्तुत किये गए जिनके लिए हमने शिक्षकों की देखरेख में बड़ी मेहनत की थी । इन सब खेलो ने विद्यार्थियों के अभिभावकों तथा दर्शक छात्र-छात्राओं का मन मोह लिया । राज्यपाल महोदय ने भी प्रभावित होकर इस विद्यालय के विद्यार्थियों की प्रशंसा की ।
यह मेरे जीवन का पहला अवसर था जब किसी महान व्यक्ति ने मेरी इतनी प्रशंसा की । लेकिन इन सबके बीच तुम्हारी कमी हमेशा मेरे मन में खटकती रही । यदि तुम साथ होते, तो मेरी खुशी और अधिक बढ़ जाती । आशा करता हूँ अगली बार के वार्षिक खेल-कूद देखने जरूर आओगे ।
चाचाजी और चाचीजी को मेरा नमस्ते कहना ।
तुम्हारा प्रिय मित्र