Hindi, asked by nehatomar7311, 1 year ago

Vidyarthiyo m anushasan hinta

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Answered by KartikSharma13
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I DON'T KNOW WHAT YOU WANT BECAUSE YOU HAVE WRITTEN ONLY TOPIC
SO, I AM WRITING A PARAGRATH ON IT

अनुशासन क्या है? अनुशास्यते नैन। अर्थात स्वयं का स्वयं पर शासन। अपने ऊपर स्वयं शासन करना तथा शासन के अनुसार अपने जीवन को चलाना ही अनुशासन है। अनुशासन राष्ट्रीय जीवन के लिए बेहद जरूरी है। यदि प्रशासन, स्कूल, समाज,परिवार सभी जगह सब लोग अनुशासन में रहेंगे और अपने कर्त्तव्य का पालन करेंगे,अपनी ज़िम्मेदारी समझेंगे तो कहीं किसी प्रकार की गड़बड़ी या अशांति नहीं होगी। नियम तोड़ने से ही अनुशासनहीनता बढ़ती है तथा समाज में अव्यवस्था पैदा होती है।अनुशासन कुछ ऐसा है जो सभी को अच्छे से नियंत्रित किये रखता है। ये व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करता है और सफल बनाता है। हम में से हर एक ने अपने जीवन में समझदारी और जरुरत के अनुसार अनुशासन का अलग-अलग अनुभव किया है। जीवन में सही रास्ते पर चलने के लिये हर एक व्यक्ति में अनुशासन की बहुत जरुरत पड़ती है। अनुशासन के बिना जीवन बिल्कुल निष्क्रिय और निर्थक हो जाता है क्योंकि कुछ भी योजना अनुसार नहीं होता है। अगर हमें किसी भी प्रोजेक्ट को पूरा करने के बारे में अपनी योजना को लागू करना है तो सबसे पहले हमें अनुशासन में होना पड़ेगा।

जवाहर लाल नेहरु ने कहा था, “अनुशासन राष्ट्र का जीवन रक्त हैl “ सच पूछा जाये तो अनुशासन ही मानव सभ्यता की पहली सीढ़ी है,जिसके सहारे हमारा क्रमिक विकास हुआ हैl पृथ्वी के समस्त कार्य, व्यापार किसी ना किसी नियम से बंधे हुए हैl पृथ्वी रोज अपने नियम से अपनी धुरी पर घूमती हैl जाड़ा, गर्मी और बरसात एक निश्चित क्रम व समय से आते हैंl जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन महत्वपूर्ण हैl पारिवारिक व सामाजिक जीवन में कहीं अधिक अनुशासन की आवश्यकता होती हैl बिना दिशा के जीवन दिशाहीन बन जाता हैl हम इतिहास और पुराण उठाकर देखें तो हमें इसके अनेक उदाहरण मिल जायेंगे जहाँ अनुशासन से महत्वपूर्ण सफलताएं व उपलब्धियां हासिल की गयी हैंl ये उपलब्धियां हमारे लिए हमेशा से प्रेरणा स्त्रोत बनीं हैंl आज जीवन में आपाधापी बढ़ गयी हैl लोग कम समय में अधिक उपलब्धियाँ प्राप्त कर लेना चाह रहे हैं और अनुशासन से परे होकर कार्य करने लग जाते हैंl  जबकि यह एक कटु सत्य है कि अनुशासन के बिना सफलता हासिल नहीं की जा सकती हैl जिस देश के नागरिक अनुशासित रहते हैं वहा की सेना अनुशासित रहती है और वह देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसित होता रहता है l अनुशासन का पहला पाठ हमें घर से मिलता हैl घर ही प्रथम पाठशाला होती  हैl

अनुशासन का पाठ बचपन से परिवार में रहकर सीखा जाता है। विद्यालय जाकर अनुशासन की भावना का विकास होता है। अच्छी शिक्षा विद्यार्थी को अनुशासन का पालन करना सिखाती है। सच्चा अनुशासन ही मनुष्य को पशु से ऊपर उठाकर वास्तव में मानव बनता है। अनुशासन दो प्रकार का होता है एक वो जो हमें बाहरी समाज से मिलता है और दूसरा वो जो हमारे अंदर खुद से उत्पन्न होता है। हालाँकि कई बार, हमें किसी प्रभावशाली व्यक्ति से अपने स्व-अनुशासन आदतों में सुधार करने के लिये प्रेरणा की जरुरत होती है। सच्चा अनुशासन ही मनुष्य को पशु से ऊपर उठाकर वास्तव में मानव बनता है। भय से अनुशासन का पालन करना सच्चा अनुशासन नहीं है और ना ही अनुशासन पराधीनता है। यह सामाजिक तथा राष्ट्रीय आवश्यकता है।
महात्मा गांधी ने कहा भी है, “हम दबाव से अनुशासन नहीं सीख सकतेl“

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