CBSE BOARD X, asked by pushpamishra486001, 5 months ago

vigyan chamatkar hai ya abhisap eassy​

Answers

Answered by sp6559568
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प्रस्तावना:-

आज युग विज्ञान का युग है। आज विज्ञान ने हमारे जीवन को बाहर-भीतर दोनों ओर से प्रभावित किया है। इसने बाहर से हमारे सभी कार्यकलापो को अपने प्रभाव में लिया है, तो भीतर से इसने हमारे मन-मस्तिष्क को अपने अनुकूल बना लिया है।

प्रस्तावना:-

आज युग विज्ञान का युग है। आज विज्ञान ने हमारे जीवन को बाहर-भीतर दोनों ओर से प्रभावित किया है। इसने बाहर से हमारे सभी कार्यकलापो को अपने प्रभाव में लिया है, तो भीतर से इसने हमारे मन-मस्तिष्क को अपने अनुकूल बना लिया है। इस प्रकार विज्ञान से हम पूर्णरूप से प्रभावित होकर इसके अनुकूल होने के लिए पूरी तरह बाध्य हो चुके है। इस संदर्भ में यह भी कहना उचित होगा की विज्ञान ने आज इतनी उन्नति कर ली है कि यदि आदि कालीन मनुष्य पृथ्वी पर आ जाए तो उसे शायद यह विशवास ही नही होगा कि यह वही पृथ्वी है। इसके निवासी पहले जैसे है। यहाँ सब कुछ पहले जैसा न होकर कैसे बदल गया।

विज्ञान का वरदान स्वरूप:-

विज्ञान की उन्नति अब शेशयवस्था को पार कर चुकी है। अब वह यौवनावस्था में आ चुकी है। फलतः उसने अपनी चरम उन्नति कर ली है। इस तथ्य की पुष्टि में संक्षिप्त रूप से इतना कहा जा सकता है कि अब इसने दुज़रे विधाता का नाम और स्थान प्राप्ति कर लिया। टेस्ट ट्यूब में इच्छानुसार संलन की प्राप्ति करने से लेकर आकाश-पताल के गम्भीर रहस्यों का ज्ञान प्राप्त करने तक विज्ञान ने अब मनुष्य को सृष्टि का दूसरा ब्रह्मा सिद्ध कर दिया है। आज विज्ञान का स्वरूप और उसके कार्य अनंत है। इससे इसने सम्पूर्ण सृष्टि को प्रभावित और चमत्कृत कर दिया है।

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