Vigyan ke badhte kadam par nibandh
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Nibandh on vigyan ke badhte kadam
विज्ञान के बढ़ते कदम
विज्ञान की व्यापकता :- विज्ञान की व्यापकता हर क्षेत्र में हुई है। विश्व के अलग-अलग देशों में आगे बढ़ने की परस्पर होढ़ लगी है।यही कारण है कि हमारे इच्छाएं तथा आराम की सीमाएं भी बढ़ती जा रही है। भोजन, आवास, यातायात, चिकित्सा, मनोरंजन, कृषि, युद्ध, उधोग, आदि सभी क्षेत्र विज्ञान से प्रभावित हैं आधुनिक युग में विज्ञान के बिना मानव के अस्तित्व की कल्पना भी असंभव प्रतीत होती है।
विज्ञान की सहायता से मनुष्य भौतिक शसक्तियो पर विजय प्राप्त कर रहा है और प्रकृति के गुढ़ रहस्यो को को प्रकाश में ला रहा है। आकाश में उड़ते विमान,चंद्रयान उसका यशगान करते है। समुद्र की छाती पर तीव्र गति से तैरते हुए जलयान ओर पनडुब्बियां यह सब विज्ञान ही दें है |
विज्ञान के अनेक उपयोग:- इंधन, उपकरण आदि ऐसे साधन विज्ञान देन हैं, कि जीवन बहुत सक्रिय हो गया है । बिजली द्वारा संचालित पंखे, बल्ब, हीटर, कूलर आदि साधन,प्राप्त है अब तो विधुत से झाड़ू लगाना, कपड़े धोना-सुखना ओर प्रेस करना आदि भी सम्भव है। कंप्यूटर ने तो मनुष्य के मष्तिस्क का कार्यभार सभाल लिया है।
यातायात:- विज्ञान ने मानव जीवन में दूरियों को नजदीकी में बदल दिया है मानव जिस दूरी पर अपार जन धन की हानि के बाद वर्षों में पहुंच पाता था आज उसे कम समय में ही तय कर सकता है साइकिल स्कूटर ,कार, मोटर, रेलगाड़ी, हवाई जहाज और रॉकेट जैसे वाहन चालक आज मनुष्य के पास है चंद्रमा का भ्रमण कर चुका है |
व्यवसाय:- विज्ञान ने कृषि, उद्योग तथा कल कारखानों आदि का असीमित विकास किया है। कृषि को विकसित बना दिया है विज्ञान के द्वारा तैयार इस्पात, खाद उपकरण, खाद पदार्थ , वस्त्र , वाहन आदि बनाने के असीमित कारखाने हैं लघु एवं कुटीर उद्योग में विज्ञान की सहायता से विकास हुआ है।
मनोरंजन:- मनुष्य को श्रम करके थकने के बाद मनोरंजन की आवश्यकता होती है आज रेडियो, टेपरिकार्डर , वी.सी.आर., टेलीविजन , सिनेमा ,आदी वैज्ञानिक साधन मनुष्य के मनोरंजन के लिए हर समय तैयार हैं मनोरंजन के साथ-साथ इनसे विभिन्न स्थानों , विषयों, सांस्कृतिक, कार्यक्रम आदि का ज्ञान प्राप्त होता है। इसमें दूर स्थित कार्यक्रम घर बैठे ही देखें सुने जा सकते हैं।
विज्ञान का विनाशकारी रूप को भी जान लेना ज़रूरी है :- विज्ञान ने युद्ध के क्षेत्र में बहुत अधिक प्रगति की है हम ऐसे हथियारों को तैयार कर के बैठे हैं जिनसे वर्तमान की वनस्पतियां और मनुष्य ही नष्ट नहीं होगी आगे आने वाले संतान भी विकलांग पैदा होगी वैज्ञानिक अस्त्रों के आविष्कारों के कारण मनुष्य का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है हाइड्रोजन या एटम बमों की सहायता से आज संसार को पल भर में नष्ट किया जा सकता है आज समस्त विश्व विज्ञान के भय से प्रकम्पित है।
विज्ञान का अभिशाप:- विज्ञान ने जहां इंसान की जिंदगी ऐश और आराम की बना दी है, विज्ञान ने मनुष्य को तमाम भौतिक सुख प्रदान किए हैं, वहीं दूसरी तरफ इसने कई ऐसे विनाशकारी शक्तियों को जन्म भी दिया है, जिससे पल भर में पूरी दुनिया समाप्त हो सकती है। उदाहरण के तौर पर समझें तो, परमाणु ऊर्जा से बनने वाले हथियार अत्यंत विनाशकारी हैं। एक ओर तो विज्ञान मनुष्य के लिए वरदान है वहीं दूसरी ओर यह समस्त मानव सभ्यता के लिए अभिशाप भी है ।
चिकित्सा:- औषधि विज्ञान और शल्य विज्ञान आज इतना विकसित हो गया है कि शरीर के अंदर के प्रत्येक रोग को एक्स-रे आदि द्वारा पता कर सकते हैं वैज्ञानिक साधनों से कैंसर जैसे दुस्साध्य रोगों उपचार संभव हो गए हैं परखनली द्वारा शिशु को जन्म देकर विज्ञान आज जीवनदाता बन गया है।