Vigyan Vardan ya abhishap ke upar nibandh
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उपसंहार- सच्चाई तो यह है कि विज्ञान वरदान भी है और अभिशाप भी है। यदि मानव विज्ञान का प्रयोग मानव जाति के हित के लिए करेगा तो यह वरदान सिद्ध होगा। यदि मनुष्य ने इसका प्रयोग मानव के विनाश के लिए किया तो यह मानव मात्र के लिए अभिशाप बन जाएगा।
विज्ञान : वरदान और अभिशाप
वर्तमान युग विज्ञान का युग है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान ने क्रांतिकारी परिवर्तन किए हैं। विज्ञान के नवीन और अद्भुत चमत्कारों से विश्व में क्रांति उपस्थित हो गई है। एक युग था जब मनुष्य प्राकृतिक शक्तियों से भयभीत होकर प्राकृतिक शक्तियों को देवता समझकर उनकी पूजा-अर्चना किया करते थे, परंतु आज विज्ञान के कदम उन पर भी पहुँच गए हैं। आज किसी राष्ट्र की प्रभुता उसके विशाल क्षेत्रफल और जनसंख्या पर आधारित नहीं है, वरन् उसकी वैज्ञानिक प्रगति द्वारा की जाती है। आज मानव ने विज्ञान की सहायता से समस्त भौतिक शक्तियों पर विजय प्राप्त कर ली है। सुख-सुविधाओं की प्रत्येक वस्तु का निर्माण कर जीवन की धारा ही बदल डाली है।
प्राचीन धर्मग्रंथों में वैज्ञानिक चमत्कारों का उल्लेख किया गया है। विश्वामित्र ब्रह्मास्त्र का आविष्कार कर चुके थे। पुष्पक विमान की कहानी से सभी परिचित हैं। वर्षा करने वाली, आग लगाने वाले बाणों की कथाएँ हमारे धर्मशास्त्रों में भरी पड़ी हैं। समुद्र सोखकर भूमि निकालने वाले वैज्ञानिक ऋषि हमारे देश में निवास करते थे। महाभारत युद्ध के दृश्य को दूसरे स्थान पर सुनाने वाले व्यक्ति यहाँ थे। मध्यकाल में सभी लोग भक्ति भावना के वशीभूत होकर, इन पर विश्वास कर लेते हों, परंतु आज विज्ञान ने इन्हें सत्य साबित कर दिया है। आज टेलीविजन, टेलीफोन, टेलीप्रिन्टर, मिसाइल, उपग्रह, अणुबम, आदि विज्ञान की देन है। विज्ञान ने मनुष्य को ध्वनि की गति से भी तेज चलने वाले साधन उपलब्ध कराए हैं। एक समय था जब मनुष्य एक स्थान से दूसरे स्थान पर ऊँटों, घोड़ों और गाड़ियों की सहायता से जाया करता था। गंतव्य स्थान तक पहुँचने के लिए दिन, महीने और वर्ष लग जाया करते थे। अब वही दूरी मोटरसाइकिल, बस, कार, हवाई जहाजों और रेलों द्वारा कुछ समय में तय की जा सकती है। द्रुतगामी यानों से समय और दूरी घट गई है। समुद्र के वक्षस्थल को चीरते समुद्री जहाज कुछ ही दिनों में पूरे विश्व का चक्कर लगा लेते हैं। आज विज्ञान की सहायता से मनुष्य ने भूगर्भ और समुद्र के तल में छिपे भंडारों का पता लगा लिया है। विभिन्न देशों से पारस्परिक मैत्री और सद्भावना स्थापित करने में विज्ञान के साधनों ने बड़ा योगदान दिया है। संदेशवाहन के क्षेत्र में असाधारण प्रगति हुई है। जो समाचार संदेशाहकों द्वारा कई-कई दिनों में पहुँचाए जाते थे, आज टेलीफोन द्वारा विश्व के किसी भी भाग में घर बैठे तुरंत पहुँचाए जा सकते हैं। मित्रों और संबंधियों से वार्तालाप किए जा सकते हैं। टेपरिकार्डर से मनुष्य की आवाज को वर्षों तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
मनुष्य के लिए अत्यन्त लाभकारी उपकरण विज्ञान की देन हैं। हाथ में घड़ी, आँखों का चश्मा, लिखने का पेन, रसोई का स्टोव, सवारी की साइकिल, सौंदर्य प्रसाधन, कमरे का पंखा हीटर, शीघ्र पकाने का प्रेशर कुकर, यद्यपि ये वस्तुएँ अत्यन्त साधारण वस्तुएँ हैं, परंतु इनका महत्त्व कितना अधिक है इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता।