Hindi, asked by jugnukhatoon3154, 10 months ago

vigyan vardan ya abhishap par nibandh​

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Answered by shreya31032006
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विज्ञान : वरदान या अभिशाप

वर्तमान युग विज्ञान का युग है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान ने क्रांतिकारी परिवर्तन किए हैं। विज्ञान के नवीन और अद्भुत चमत्कारों से विश्व में क्रांति उपस्थित हो गई है। एक युग था जब मनुष्य प्राकृतिक शक्तियों से भयभीत होकर प्राकृतिक शक्तियों को देवता समझकर उनकी पूजा-अर्चना किया करते थे, परंतु आज विज्ञान के कदम उन पर भी पहुंच गए हैं। आज किसी राष्ट्र की प्रभुता उसके विशाल क्षेत्रफल और जनसंख्या पर आधारित नहीं है, वरनु उसकी वैज्ञानिक प्रनति द्वारा की जाती है। आज मानव ने विज्ञान की सहायता से समस्त भौतिक शक्तियों पर विजय प्राप्त कर ली है। सुख-सुविधाओं की प्रत्येक वस्तु का निर्माण कर जीवन की धारा ही बदल डाली है। प्राचीन धर्मग्रंथों में वैज्ञानिक चमत्कारों का उल्लेख किया गया है। विश्वामित्र ब्रह्मास्त्र का आविष्कार कर चुके थे। पुष्पक विमान की कहानी से सभी परिचित हैं। वर्षा करने वाले, आग लगाने वाले वाणों की कथाएँ हमारे धर्मशास्त्रों में भरी पड़ों हैं। समुद्र सोखकर भूमि निकालने वाले वैज्ञानिक प्राप्ति हमारे देश में निवास करते थे। महाभारत युद्ध के दृश्य को दूसरे

स्थान पर सुनाने वाले व्यक्ति यहाँ थे मध्यकाल में सभी लोग भक्ति भावना के वशीभूत होकर, इन पर विश्वास कर लेते हों, परंतु आज विज्ञान ने इन्हें सत्य साबित कर दिया है। आज टेलीविजन, टेलीफोन, टेलीप्रिन्टर, मिसाइल, उपग्रह, अणुबम, गर्म-ठंडा करने के उपकरण, एक्सरे, राडार, दूर मारक यंत्र सभी धारणाओं और विश्वासों को सही सिद्ध करते हैं। विज्ञान ने मनुष्य को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कुछ-न-कुछ दिया है। मनोविनोद के आधुनिक साबनों ने मनुष्य को जनेकानेक वस्तुएँ उपलब्ध कराई हैं। चलचित्र, रेडियो, टेलीविजन, ग्रामोफोन, टेपरि कार जैसी मनोरंजन कराने वाली वस्तुएं उपलब्ध कराई है। इनसे भी एक कदम आगे आज वीडियो के चलन से घर में सिनेमा कक्ष का निर्माण हो गया है। जहाँ मनचाही फिल्में परिवार के साथ देखी जा सकती है। टेलीविजन और रेडियो शिक्षा प्रदान करने के अच्छे साधन हैं। विद्यार्थियों, गृहणियों, किसानों और कुटीर कारीगरों के लिए बहुत-उपयोगी शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है।

विज्ञान ने मनुष्य को ध्वनि की गति से भी तेज चलने वाले साधन उपलब्ध कराए हैं एक समय था जब मनुष्य एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाटों, घोड़ों और रेलगाड़ियों की सहायता से जाया करता था। गंत्य स्थान तक पहुंचने के लिए दिन, महीने और वर्ष लग जाया करते थे। अब वही दूरी मोटरसाइकिल, बस, कार, हवाई जहाजों और रेखों द्वारा कुछ ही समय में तय की जा सकती है। द्रुतगामी यान से समय और दूरी पट गई है। समुद्र के वक्षस्थल को धीरते समुद्री जहाज छ ही दिनों में पूरे विश्व का चक्कर लगा देते हैं। आग विज्ञान की सहायता से मनुष्य ने भूगर्भ और समुद्र के तल में छिपे भंडारों का पता लगा लिया है। विभिन्न देशों से पारस्परिक मेपी और सद्भावना स्थापित करने में विज्ञान के साधनों ने बड़ा योगदान दिया है। संदेशवाहन के क्षेत्र में असाधारण प्रगति हुई है। जो समाचार संदेशाहकों द्वारा कई-कई दिनों में पहुँचाए जाते थे, आज टेलीफोन द्वारा विश्व के किसी भी भाग में घर बैठे तुरंत पहुंचाए जा सकते हैं। मित्रों और संबंधियों से वार्तालाप किए जा सकते हैं। टेपरिकार्डर से मनुष्य की आवाज को वर्षों तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

मनुष्य के लिए अत्यन्त लाभकारी उपकरण विज्ञान की देन हैं। हाथ में घड़ी, आँखों का चश्मा, लिखने का पेन, सवारी की साइकिल, सौंदर्य प्रसाधन, कमरे का पंखा, होटर, शोघ्र पकाने का प्रेशर कुकर, यद्यपि ये वस्तुएँ अत्यन्त साधारण वस्तुएँ हैं, परंतु इनका महत्त्व कितना अधिक है इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता। आज विज्ञान ने आकाश, भूलोक और पाताल-लोक तक अपना राज्य जमा लिया है। मानव शरीर के अंग-अंग की जांच करने के लिए एक्सरे मशीन हैं, कृत्रिम अंग है, शरीर के खून तक को बदला जा सकता है, कैंसर जैसे असाध्य रोग का इलाज संभव है, हदय, फेफड़े और आँखें वदती जा सकती हैं। कटे अंग जोड़े जा सकते हैं। प्लेग, चेचक, हैजा जैसे रोगों की औषधियों निकाली जा चुकी हैं। चुंबकीय और विद्युत तरंगों दूवारा इलाज किया जाना संभव हो गया है युद्ध क्षेत्र के विनाशकारी एटम ओर हाइड्रोजन बम शांतिपूर्ण कार्यों के प्रयोग में लाकर विद्युत उत्पादन और रेगिस्तान में हरित क्रांति ला सकते हैं। आज चंद्रलोक की यात्रा संभव हो सकता है। ये वैज्ञानिक चमत्कार मनुष्य के जीवन में परिवर्तन लाने में उपयोगी सिद्ध हुए हैं।

आज वैज्ञानिकों ने समुद्रों में गर्म धाराओं के निकट हिमखंडों को पिघलाकर जलप्लावन की स्थिति उत्पन्न करने की शक्ति प्राप्त कर ली है। वातावरण में कार्बन - डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ाकर भी शत्रु देशों को तबाह किया जा सकता है। चुंबकीय असंतुलन पैदा करके आयन मंडल की ओजोन परतों में छेद करके रेडियोधर्मी विकिरण से जनजीवन का नामोनिशान मिटाया जा सकता शत्रु राष्ट्र में सूखे की स्थिति उत्पन्न कराई जा सकती है। कृत्रिम भूकंप से ज्वारीय लहरें पैदा की जा सकती हैं।

Answered by parthuppal0
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Answer:वर्तमान युग विज्ञान का युग है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान ने क्रांतिकारी परिवर्तन किए हैं। विज्ञान के नवीन और अद्भुत चमत्कारों से विश्व में क्रांति उपस्थित हो गई है। एक युग था जब मनुष्य प्राकृतिक शक्तियों से भयभीत होकर प्राकृतिक शक्तियों को देवता समझकर उनकी पूजा-अर्चना किया करते थे, परंतु आज विज्ञान के कदम उन पर भी पहुंच गए हैं। आज किसी राष्ट्र की प्रभुता उसके विशाल क्षेत्रफल और जनसंख्या पर आधारित नहीं है, वरनु उसकी वैज्ञानिक प्रनति द्वारा की जाती है। आज मानव ने विज्ञान की सहायता से समस्त भौतिक शक्तियों पर विजय प्राप्त कर ली है। सुख-सुविधाओं की प्रत्येक वस्तु का निर्माण कर जीवन की धारा ही बदल डाली है। प्राचीन धर्मग्रंथों में वैज्ञानिक चमत्कारों का उल्लेख किया गया है। विश्वामित्र ब्रह्मास्त्र का आविष्कार कर चुके थे। पुष्पक विमान की कहानी से सभी परिचित हैं। वर्षा करने वाले, आग लगाने वाले वाणों की कथाएँ हमारे धर्मशास्त्रों में भरी पड़ों हैं। समुद्र सोखकर भूमि निकालने वाले वैज्ञानिक प्राप्ति हमारे देश में निवास करते थे। महाभारत युद्ध के दृश्य को दूसरे

स्थान पर सुनाने वाले व्यक्ति यहाँ थे मध्यकाल में सभी लोग भक्ति भावना के वशीभूत होकर, इन पर विश्वास कर लेते हों, परंतु आज विज्ञान ने इन्हें सत्य साबित कर दिया है। आज टेलीविजन, टेलीफोन, टेलीप्रिन्टर, मिसाइल, उपग्रह, अणुबम, गर्म-ठंडा करने के उपकरण, एक्सरे, राडार, दूर मारक यंत्र सभी धारणाओं और विश्वासों को सही सिद्ध करते हैं। विज्ञान ने मनुष्य को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कुछ-न-कुछ दिया है। मनोविनोद के आधुनिक साबनों ने मनुष्य को जनेकानेक वस्तुएँ उपलब्ध कराई हैं। चलचित्र, रेडियो, टेलीविजन, ग्रामोफोन, टेपरि कार जैसी मनोरंजन कराने वाली वस्तुएं उपलब्ध कराई है। इनसे भी एक कदम आगे आज वीडियो के चलन से घर में सिनेमा कक्ष का निर्माण हो गया है। जहाँ मनचाही फिल्में परिवार के साथ देखी जा सकती है। टेलीविजन और रेडियो शिक्षा प्रदान करने के अच्छे साधन हैं। विद्यार्थियों, गृहणियों, किसानों और कुटीर कारीगरों के लिए बहुत-उपयोगी शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है।

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