viii) 'प्रतीक' पत्रिका के संपादक का नाम लिखिए।
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¿ 'प्रतीक' पत्रिका के संपादक का नाम लिखिए।
➲ सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय
✎... ‘प्रतीक’ पत्रिका के संपादक का नाम ‘सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय’ था। यह पत्रिका उन्होंने 1947 से निकालनी आरंभ की थी। यह पत्रिका अज्ञेय जी इलाहाबाद से निकालते थे। इस पत्रिका में उनके सहायक के रूप में रघुवीर सहाय में जुड़ गए थे। हालांकि कुछ समय बाद इस पत्रिका का प्रकाशन बंद हो गया।
‘प्रतीक’ एक साहित्यिक पत्रिकाएं थी, जिसमें साहित्य से संबंधित समालोचना सामग्री का प्रकाशन होता था। एक बार पत्रिका का प्रकाशन बंद होने के बाद उन्होंने अपना प्रयासों से इस पत्रिका को दोबारा प्रकाशित करना आरंभ किया था। यह पत्रिका छायावादोत्तर काल की एक प्रसिद्ध पत्रिका थी। छायावादोत्तर काल आज का साहित्यिक काल माना जाता है।
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'प्रतीक' पत्रिका के संपादक का नाम "सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय " हैं।
- यह पत्रिका अज्ञेय जी ने लिखी थी । उन्होंने यह पत्रिका सन् 1947 से निकाली थी ।
- इसके निकलने का स्थान इलाहाबाद था । यह एक साहित्यिक पत्रिका थी जो साहित्यिक समलोचना सामग्री का प्रकाशन करती थी । कुछ समय बाद इसका प्रकाशन बंद हो गया था , परंतु उन्होंने अपने प्रयासों और परिश्रम से इसे दोबारा शुरू किया था।
- इस पत्रिका में उनके सहायक रघुवीर सहाय थे।
- छायावदोत्तर साहित्यिक काल माना जाता हैं और यह उस समय की एक प्रसिद्ध पत्रिका थी ।