Hindi, asked by Mujaida, 1 year ago

vijyapanoka jevan par prabav


Mujaida: Plss answer this

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Answered by Lamesoul
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विज्ञापन का मानव जीवन पर प्रभाव – इन विज्ञापनों का प्रभाव  बहुत ज्यादा पडता है. चाहे वो शराब का हो, पान बहार का हो चाहे उसे जेम्स बॉंड कर रहे हों या शाहरुख या अजय देवगण हमारी जिंदगी पर बहुत असर डालते हैं …

आज नेट पर फिर एक खबर ने हैरान कर दिया… खबर है हाल ही में  जेम्स बॉंड साहब ने एक विज्ञापन किया था पान बहार का … उसे बैन कर दिया गया है ।सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के चेयरमैन पहलाज निहलानी ने सभी राष्ट्रीय और सैटलाइट टेलिविजन पर इसे बैन कर दिया है शायद इसलिए कि सोशल मीडिया पर इसका मजाक बनाते हुए टविटरों की बाढ़ सी आई गई थी। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक पहलाज निहलानी ने कहा कि सभी पान मसाला, तंबाकू और शराब के विज्ञापनों पर पहले से ही प्रतिबंध है। सभी पान मसाला के ऐड्स सरकार ने बैन कर रखे हैं।(अरे !! )
इसके पहले पान बहार ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए अपने बयान में कहा था कि पीयर्स ब्रॉसनन ने जिस प्रॉडक्ट का ऐड किया, वह माउथ फ्रेशनर है न कि तंबाकू। लोगों में जागरुकता की कमी है। ब्रॉसनन ने जो ऐड किया वो पान मसाला (माउथ फ्रेशनर) है जिसमें तंबाकू नहीं होता…
सोच इस बात की है कि अगर तंम्बाकू नही है तो बैन किसलिए हुआ ( टविटर पर मजाक उडाने की वजह से तो नही हुआ होगा ) और अगर इस तरह के प्रॉडक्ट बैन ही हैं तो तरह तरह के पान मसाले के विज्ञापन टीवी पर भरपूर मात्रा में दिखाए किसलिए जाते है …

Hope it helps you buddy..

Mujaida: Thanks it helped me a lot
Mujaida: Can u give some more information
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