Hindi, asked by kashishvora, 1 year ago

visheshan of Parlok​

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Answered by art12343
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visheshan of parlok is परलोकीय.
Answered by khushi2739
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Answer:

(5)व्यक्तिवाचक विशेषण:-जिन विशेषण शब्दों की रचना व्यक्तिवाचक संज्ञा से होती है, उन्हें व्यक्तिवाचक विशेषण कहते है।

दूसरे शब्दों में- ऐसे शब्द जो असल में संज्ञा के भेद व्यक्तिवाचक संज्ञा से बने होते हैं एवं विशेषण शब्दों की रचना करते हैं, वे व्यक्तिवाचक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे- इलाहाबाद से इलाहाबादी

जयपुर से जयपुरी

बनारस से बनारसी

लखनऊ से लखनवी आदि।

उदाहरण- 'इलाहाबादी' अमरूद मीठे होते है।

व्यक्तिवाचक विशेषण के अन्य उदाहरण

मुझे भारतीय खाना बहुत पसंद है।

ऊपर दिए गए उदाहरण में आप देख सकते हैं भारतीय शब्द असल में तो व्यक्तिवाचक संज्ञा से बना भारत शब्द लेकिन अब भारतीय शब्द विशेषण की रचना कर रहा है। इस वाक्य में यह शब्द खाने की विशेषता बता रहा है। अतः यह उदाहरण व्यक्तिवाचक विशेषण के अंतर्गत आयेंगे।

सभी साड़ियों में से मुझे बनारसी साडी सबसे ज्यादा पसंद है।

जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि बनारसी शब्द का प्रयोग किया गया है। यह शब्द बनारस शब्द से बना है जो एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है लेकिन अब यह बनारसी बनने के बाद यह विशेषण कि तरह प्रयोग हो रहा है। अतः यह उदाहरण व्यक्तिवाचक विशेषण के अंतर्गत आएगा।

हमारी दूकान पर जयपुरी मिठाइयां मिलती हैं।

ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं जयपुरी शब्द का इस्तेमाल किया गया है। यह शब्द जयपुर शब्द से बना है जो कि एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है।

यह शब्द जयपुरी बनने के बाद विशेषण बन जाता हैं एवं अब इस वाक्य में मिठाइयों कि विशेषता बता रहा है। अतः यह उदाहरण व्यक्तिवाचक विशेषण के अंतर्गत आएगा।

(6)संबंधवाचक विशेषण :- जो विशेषण किसी वस्तु की विशेषताएँ दूसरी वस्तु के संबंध में बताता है, उन्हें संबंधवाचक विशेषण कहते हैं।

इस तरह के विशेषण संज्ञा, क्रियाविशेषण तथा क्रिया से बनते हैं। जैसे- 'आनन्द' से आनन्दमय ('आनन्द' संज्ञा से), बाहरी ('बाहर' क्रियाविशेषण से), खुला ('खुलना' क्रिया से)।

संबंधवाचक विशेषणों से सूचित होता है-

(क) वस्तु का लक्ष्य- जंगी जहाज। व्यापारी बेड़ा।

(ख) देश या जाति से संबंध- भारतीय, रूसी, बंगाली।

(ग) स्थान या वस्तु से संबंध- पहाड़ी, रेगिस्तानी, फौलादी, रेशमी, ऊनी, सूती आदि।

(घ) विज्ञान, राजनीति, सामाजिक जीवन आदि से संबंध- वैज्ञानिक, भौतिक, गाणितिक, राजनीतिक, सामाजिक आदि।

विशेषण के कार्य

विशेषण के निम्नलिखित प्रमुख कार्य हैं-

(1) विशेषता बताना- विशेषण के द्वारा किसी व्यक्ति या वस्तु की विशेषता बताई जाती है। जैसे- मोहन सुन्दर है। यहाँ 'सुन्दर' मोहन की विशेषता बताता है।

(2) हीनता बताना- विशेषण किसी की हीनता भी बताता है। जैसे- वह लड़का शैतान है। यहाँ 'शैतान' लड़के की हीनता बताता है।

(3) अर्थ सीमित करना- विशेषण द्वारा अर्थ को सीमित किया जाता है। जैसे- काली गाय। यहाँ 'काली' शब्द गाय के एक विशेष प्रकार का अर्थबोध कराता है।

(4) संख्या निर्धारित करना- विशेषण संख्या निर्धारित करने का काम करता है। जैसे- एक आम दो। यहाँ 'एक' शब्द से आम की संख्या निर्धारित होती है।

(5) परिमाण या मात्रा बताना- विशेषण के द्वारा मात्रा बताने का काम किया जाता है। जैसे- पाँच सेर दूध। यहाँ 'पाँच सेर' से दूध की निश्र्चित मात्रा का अर्थबोध होता है।

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