Biology, asked by tomarchetan87, 2 months ago

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कपोल वक्ष
(2) धनुषकार टीमें
स्कू वाचकालालिमा मे निम्नलिपिल मलाला

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Answered by manpandya15
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Explanation:

आँत| आतों]] में यह गति क्रमाकुंचन (=क्रम + आकुंचन / Peristalsis) कहलाती है। यह गति सारे पाचक नाल में, ग्रासनली से लेकर मलाशय तक, होती रहती है, जिससे खाया हुआ या पाचित आहार निरंतर अग्रसर होता जाता है। अन्य आशयों में तथा वाहिकाओं में भी यह गति होती है।

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