vividhta hamare jeevan ko kis prakar samridh karti hai apne jeevan ke kisi ek udhahran ke madhyam se spasht kijiye
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विविधता हमारे जीवन को अनेक तरह से समृद्ध करती है। हमारे जीवन में विविधता होने से विभिन्न तरह के रंग आ जाते हैं और हमारा जीवन बहुत आयामी बन जाता है। हमें अलग-अलग संस्कृतियों को समझने और सीखने का अवसर मिलता है और हम सभी संस्कृतियों के अलग-अलग पहलुओं को अच्छी तरह से जान पाते हैं। विविधता के कारण हमें विभिन्न तरह के दृष्टिकोण से सोचने का अवसर मिलता है।
भारत एक विविधता वाला देश है, जहाँ पर अनेक तरह के धर्म, संस्कृति, भाषाएं, वेशभूषा, खानपान आदि हैं। इस तरह से भारत संस्कृति बहुरंगी हो गई है अर्थात भारत की संस्कृति विविधताओं भरी हुई है। इस तरह भारत में विविधता होने से भारत सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध ही हुआ है।
अगर हमारे जीवन में विविधता ना हो तो हमारा जीवन एक रस नीरस हो जाता है। हम एक सामान्य सा उदाहरण से समझते हैं...
यदि हम रोज आलू की सब्जी खाएं तो 1 महीने तक रोज आलू खाने पर हम बोर होने लगेंगे और हमें वह आलू की सब्जी बेस्वाद लगने लगेगी। लेकिन हम रोज अलग-अलग सब्जियां खाएं, आज आलू खाया, कल गोभी खाया, परसों भिंडी खाई, इस तरह हम पांच-सात दिन के अंतराल पर आलू खाएं तो आलू की सब्जी हमें हमेशा स्वादिष्ट लगती रहेगी। ऐसा क्यों हुआ क्योंकि हमने विविधता अपनाई यानि सब्जी में विविधता अपनाई जिससे हमारा खानपान बहुरंगी बना।
यह एक सामान्य उदाहरण है, विविधता को समझाने का, जबकि विविधता का महत्व बहुत अधिक है। हम अपनी संस्कृति में जीते हुए भी अलग-अलग संस्कृतियों को सीखते हैं, अलग-अलग विचारों को अपनाते हैं तो हमारी समझ का दायरा विस्तृत बनता है, और सोचने का नजरिया व्यापक होता है, इससे हमारी बुद्धि का विकास होता है।
विविधता होने से संस्कृतियों का समन्वय होता है और एक-दूसरे की संस्कृति से अच्छी बातें लेकर अपनी संस्कृति को और अधिक समृद्ध किया जा सकता है। इसलिए विविधता से हमारा जीवन समृद्धि ही बनता है।